Chaitra Navratri: हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को बहुत ही पावन माना जाता है। यह पर्व देशभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्रि के 9 दिनों तक आदिशक्ति के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। भक्त नौ दिन तक व्रत रखते हैं और विधि पूर्वक उनकी पूजा करते हैं। लोग अपने घरों में कलश की स्थापना करते हैं और नौ दिनों तक अखंड ज्योति भी जलाते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं इस साल चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) कब से शुरू हो रहे है और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त कब है और कौन सा शुभ योग बन रहा है।
इस दिन से शुरू हो रहे Chaitra Navratri
पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि जो कि इस बार 8 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट पर लगेगी और अगले दिन यानी 9 अप्रैल को रात के समय 8 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का पहला व्रत 9 अप्रैल को रखा जाएगा। 9 अप्रैल को घटस्थापना का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 3 मिनट से 10 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।
Chaitra Navratri पर बन रहे ये शुभ योग
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन अमृत और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 32 मिनट से हो रहा है। ये दोनों योग संध्याकाल 05 बजकर 06 मिनट तक है। ऐसे में इस योग में की गई पूजा व्यक्ति को सुख और समृद्धि दिलाएगी।
ऐसे करें घटस्थापना
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) में घटस्थापना करने के लिए सबसे पहले प्रतिपदा तिथि पर सुबह जल्दी स्नान करके पूजा का संकल्प लें। फिर इसके बाद पूजा स्थल की सजावट करें और चौकी रखें। वहां पर कलश में जल भरकर रखें। इसके बाद कलश को कलावा से लपेट दें। फिर कलश के ऊपर आम और अशोक के पत्ते रखें। इसके बाद नारियल को लाल कपड़े से लपेट कर कलश के ऊपर रख दें। इसके बाद धूप-दीप जलाकर मां दुर्गा का आवाहन करें और शास्त्रों में मां दुर्गा की पूजा-उपासना की बताई गई विधि से पूजा प्रारंभ करें।
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