Diwali 2024

Diwali 2024 : हर वर्ष कि भांति इस वर्ष भी दिवाली का त्यौहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जाने वाला हैं। पांच दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार का शुभारंभ धनतेरस से होता हैं। उसके बाद दूसरे दिन छोटी दिवाली, रूप चौदस या रूप चतुर्दशी के रूप में इस त्यौहार को मनाया जाता हैं। रूप चौदस का त्यौहार भी अपने-आप में ख़ास होता हैं।

इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और घर में सुख-शान्ति लाने के लिए इस त्यौहार पर विभिन्न उपाय किए जाते हैं। रूप चौदस को नरक चतुर्दशी, नरक चौदस या छोटी दिवाली (Diwali 2024) के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से सौन्दर्य और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

Diwali 2024 में रूपचौदस का महत्व

Diwali 2024

मान्यता है कि दिवाली (Diwali 2024) की रात देवी लक्ष्मी धरती पर आती हैं और साफ-सुथरे घर में निवास करती हैं। इसी तरह दिवाली से एक दिन पहले देवी लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी धरती पर आती हैं और उस घर में निवास करती हैं, जिसमें साफ-सफाई का अभाव होता है। इस दिन से जुड़ी कई अन्य मान्यताएं और कहानियां भी हैं।

जिनमें से यह भी कहा जाता है कि इस दिन कुछ उपाय करने से लोग कई तरह की बीमारियों और परेशानियों से दूर रहते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, छोटी दिवाली (Diwali 2024) हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है।

इस साल कब है नरक चतुर्दशी?

Diwali 2024

इस साल नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर 2024 को मनाई जा रही है। भारत में छोटी दिवाली का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हर साल की तरह इस बार भी छोटी दिवाली (Diwali 2024) का त्योहार सभी के लिए बेहद खास होने वाला है। इस दिन वैधृति योग बन रहा है। संयोग में कुछ खास उपाय करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वैदिक पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि 30 अक्टूबर 2024 बुधवार को प्रातः 1:15 बजे प्रारंभ होगी और 31 अक्टूबर गुरुवार को दोपहर 3:52 बजे समाप्त होगी। इस वर्ष नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में

Diwali 2024

रूप चौदस के दिन अभ्यंग और स्नान का विशेष महत्व है। ब्रह्म मुहूर्त में या सूर्योदय से पहले उठकर नित्यकर्मों से निवृत्त होकर हल्दी, चंदन, बेसन, शहद, केसर और दूध का उबटन लगाएं, फिर स्नान कर पूजा करें। मान्यता है कि रूप चौदस के दिन यह उपाय करने से व्यक्ति का सौन्दर्य सालों तक बना रहता है। धन प्राप्ति के उपाय रूप चौदस के दिन लाल चंदन, गुलाब के फूल और रोली की पोटली लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने वालों को साल भर धन की कमी नहीं होती और उनके धन में वृद्धि होने लगती है।

अकाल मृत्यु से बचाव के लिए करें यम की पूजा

Diwali 2024

काली चौदस यानी रूप चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार और राजा बलि की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि दिवाली पर (Diwali 2024) इस उपाय को करने से धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपके घर-परिवार में स्थाई रूप से आगमन होता है। अकाल मृत्यु से बचाव के लिए दीप जलाकर यमराज का ध्यान करते हुए पूर्व दिशा की ओर मुख करके दीपदान करना चाहिए। मान्यता है कि इससे उस घर में अकाल मृत्यु नहीं होती।

नरक चतुर्दशी के दिन घर की दक्षिण दिशा में यम का दीपक जलाना चाहिए। शास्त्रों में यमराज की पूजा वर्जित है, लेकिन नरक चतुर्दशी के दिन ही यमराज के लिए दीपक जलाया जाता है। मान्यता है कि यम का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु जैसी विकट परिस्थिति भी टल जाती है।

छोटी दिवाली के दिन जलाए 14 दीपक

Diwali 2024

छोटी दिवाली (Diwali 2024) पर 14 दीपक जलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस दौरान पहला दीपक रात को घर के बाहर कूड़े के ढेर के पास दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके रखें। दूसरा किसी सुनसान मंदिर में रखें। ध्यान रहे कि इसे घी से जलाएं। तीसरा दीपक मां लक्ष्मी के सामने और चौदहवां दीपक माता तुलसी के सामने जलाएं। पांचवां दीपक घर के दरवाजे के बाहर और छठा पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं। इस दौरान सातवां दीपक किसी मंदिर में जलाएं। आठवां दीपक घर में जहां कूड़ा रखा जाता है, वहां जलाएं।

इस तरीके से जलाने चाहिए दीपक

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नौवां दीपक घर के बाथरूम में और दसवां दीपक घर की छत की मुंडेर पर जलाएं। ग्यारहवाँ दीया घर की छत पर और बारहवाँ दीया खिड़की के पास जलाएँ। तेरहवाँ दीया बरामदे में जलाएँ। चौदहवाँ दीया रसोई में जलाएँ। इससे दिवाली (Diwali 2024) पर लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती हैं और जीवन खुशियों से भर देती हैं।

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