Diwali-Per-Junaa-Khelne-Ki-Parampara-Kahan-Se-Aayi-Or-Kitni-Hai-Sahi

Diwali: दीपावली, जिसे रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है, भारत में सबसे प्रमुख और धूमधाम से मनाया जाने वाला पर्व है। घरों और बाजारों को दीपों से सजाया जाता है, मिठाइयां बांटी जाती हैं, मां लक्ष्मी की पूजा होती है और नई वस्तुएं खरीदी जाती हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि इस त्योहार से जुड़ी एक और प्रथा है जुआ खेलना।

उत्तर भारत और कुछ अन्य हिस्सों में दीपावली (Diwali) की रात पासा या ताश खेलने की परंपरा बहुत पुरानी है। लेकिन यह परंपरा कहां से आई और कितना सही है, यह जानना भी जरूरी है। तो आइए जानते है इस बारे में विस्तार से……

जुआ खेलने की परंपरा का इतिहास

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दीपावली (Diwali) पर जुआ खेलने की परंपरा बेहद पुरानी है। इसका संबंध महाराजा और राजाओं के दरबार से माना जाता है। पुराने समय में राजघरानों में यह खेल सौभाग्य और भाग्य आज़माने के रूप में खेला जाता था। पुरानी कथाओं के अनुसार, एक रानी और राजा ने दीपावली की रात जुआ खेलकर अपने भाग्य की परीक्षा ली थी। तभी से यह प्रथा धीरे-धीरे आम लोगों तक पहुंची।

इतिहास में यह देखा गया कि दीपावली की रात जुआ खेलना शुभ संकेत माना जाता था। इसे नए साल में समृद्धि और धन की प्राप्ति का प्रतीक माना जाता था। पासा और ताश जैसे खेल इस अवसर पर विशेष रूप से खेले जातेथे।

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धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यता

हिंदू पंचांग के अनुसार, दीपावली (Diwali) मां लक्ष्मी के स्वागत का दिन है। मां लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। लोग मानते हैं कि दीपावली पर जुआ खेलने से भाग्य और संपत्ति बढ़ती है। इसी विश्वास के चलते, परिवार और मित्रजन दीपावली की रात पासा या ताश खेलकर छोटे दांव लगाते हैं।

संस्कृति के अनुसार, यह केवल भाग्य आज़माने और मनोरंजन का एक तरीका है। उत्तर भारत और पश्चिम भारत में यह प्रथा आज भी जीवित है। लोककथाओं और पुरानी कहानियों में इसे शुभ अवसर के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

आधुनिक दृष्टिकोण और सच्चाई

हालांकि जुआ खेलना कई लोगों के लिए सांस्कृतिक और पारंपरिक रूप से शुभ माना जाता है, लेकिन आधुनिक समय में इसे कानूनी और सामाजिक दृष्टिकोण से सावधानीपूर्वक देखने की जरूरत है। भारत के अधिकांश राज्यों में जुआ अवैध है। केवल कुछ खेलों और अल्प धन के दांव की अनुमति होती है।

वैज्ञानिक और तर्कसंगत दृष्टिकोण से देखा जाए तो दीपावली (Diwali) पर जुआ खेलने का भाग्य या समृद्धि से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। यह सिर्फ मनोरंजन और सांस्कृतिक विश्वास का हिस्सा है। अत्यधिक दांव या जुआ खेलना आर्थिक और सामाजिक जोखिम पैदा कर सकताहै।

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Kamakhya Reley is a journalist with 3 years of experience covering politics, entertainment, and sports. She is currently writes for HindNow website, delivering sharp and engaging stories that connect with...