Ganesh Chaturthi : भगवान गणेश को समर्पित गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का उत्सव हर वर्ष भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. गणेश के जन्मोत्सव को भगवान गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है. बप्पा को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का देवता माना जाता है. इस दिन लोग भगवान गणेश की प्रतिमा को घरों, दुकानों और सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित करते हैं और श्रद्धा-भक्ति के साथ गणपति बप्पा की मूर्ति की पूजा-अर्चना करते हैं. उन्हें मोदक, फूल अर्पित करते हैं.
भगवान गणेश को समर्पित गणेश चतुर्थी की तारीख
गणेश जी की पूजा में मंत्रोच्चार, गणपति स्तोत्र और भजन भी गाते हैं. सिद्धांत यह है कि ऐसा करने वालों के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि आती है और धन का नाश होता है. गणेश चतुर्थी का उत्सव पूरे 10 दिनों तक चलता है और इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है. गणपति बप्पा के स्वागत के लिए घर से लेकर मंदिर और अनेक स्थानों तक सभी जगह खास सजावट की जाती है. गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) को पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है. वहीं महाराष्ट्र में गणेश उत्सव की खास झलक दिखाई देती हैं.
इस वर्ष 7 सितंबर को विराजित होंगे भगवान गणेश
इस साल गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) 7 सितंबर 2024 शनिवार को हैं जबकि अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर 2024 मंगलवार तक हैं. पूरे 10 दिनों तक वाले गणेशोत्सव के दौरान पूरे भारतवर्ष में घर-घर में गणपति बप्पा का विराजित किए जाएंगे और अंत में उन्हें जल में प्रवाहित किया जाएगा. गणेश उत्सव प्रथम पूज्य गणपति की प्रार्थना का पर्व है. इस वर्ष 2024 में गणेश चतुर्थी की तारीख सितंबर 06, 2024 को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट से शुरू होगी जो अगले दिन सितंबर 07, 2024 को शाम 05 बजे 37 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना का शुभमुहूर्त है.
वहीं पूरे देश भर में रहेगा उल्लास और जश्न का माहौल
इसके अनुसार इस साल गणेश उत्सव के लिए सबसे शुभ मुहूर्त 7 सितंबर 2024 की सुबह 11:10 से दोपहर 01:39 बजे तक 2 घंटे 29 मिनट का रहेगा. इस दौरान पूरे सम्मान, हर्षोल्लास और ढोल-ताशों के बीच गणपति बप्पा का आगमन होगा. वहीं गणेश विसर्जन यानि अनंत चतुर्दशी मंगलवार, सितंबर 17, 2024 को किया जाएगा. एक दिन पूर्व वर्जित चन्द्रदर्शन का समय प्रातः 09:30 बजे से प्रातः 08 बजकर 45 बजे से जो 11 बजकर 15 मिनट तक की अवधि है. गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) से दस दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के अंत में अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन होता है.
7 सितंबर से लेकर 17 सितंबर तक चलेगा गणेशोत्सव
सवाल यह है कि 10 दिनों तक गणेश उत्सव क्यों मनाया जाता हैं. तो पुराणों के अनुसार भाद्रपद शुक्ल गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन शंकर और पार्वती माता के पुत्र गणपति जी का जन्म हुआ था. इसलिए इस महीने में सभी चतुर्थी गणेश जी को समर्पित की जाती है और इस दिन उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. वहीं भाद्रपद शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) भी बहुत खास है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत की रचना के लिए गणेश जी की खोज की थी तो व्यास जी ने श्लोक गाए थे और गणपति जी ने बिना रुके 10 दिन तक महाभारत को लिपिबद्ध किया था.
जानिए क्यों मनाया जाता है 10 दिनों तक गणेशोत्सव
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन से गणेश जी ने लेखन शुरू किया और अनंत चतुर्दशी के दिन तक उसे पूरा किया था. 10 दिन तक एक ही जगह बैठकर वह महाभारत लिखते रहे जिससे उनके शरीर पर धूल-मिटटी जमा हो गई. इसके बाद जब वह उठे तो चतुर्दशी के दिन उन्होंने खुद को स्वच्छ करने के लिए पास में बह रही सरस्वती नदी में उन्होंने स्नान किया. जिसके बाद यह मान्यता बन गई थी.
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