गणेशोत्सव: इस मंत्र से करें गणपति को प्रसन्न, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त, भूलकर भी न करें ये काम

नई दिल्ली- श्री गणेशोत्सव 22 अगस्त शनिवार से शुरू होने जा रहा है। कोरोना के चलते हालात बदले-बदले से हैं। बाजारों में गणेशोत्सव पर दिखने वाली रौनक का अभी इंतजार है लेकिन श्रद्धालुओं के दिलों में गणेशोत्सव को लेकर उत्साह बना हुआ है। बेशक जगह-जगह गणेश जी मूर्ति स्थापना नहीं होगी। पिछले वर्षो की तरह कार्यक्रमों का आयोजन भी नहीं होगा लेकिन घरों में श्री गणेशोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि गणपति के गृह प्रवेश के साथ ही शहर भगवान गणेश के रंग में रंगने जा रहा है।

सनातन धर्म में गणपति का स्थान बेहद खास है उन्हें विघ्नहर्ता के नाम से भी पुकारते हैं। गणेश चतुर्थी पर कई लोग अपने घरों में गणेश भगवान की प्रतिमा बैठाते हैं और उसकी प्राण प्रतिष्ठा करते हैं। गणेश चतुर्थी तक रतजगा, गणेश भगवान के भजन, अखंड दीपक और पूजा-पाठ चलता है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश भगवान को विदाई दी जाती है

इस मंत्र का करें जाप विघ्नहर्ता होंगे प्रसन्न

गणेशोत्सव: इस मंत्र से करें गणपति को प्रसन्न, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त, भूलकर भी न करें ये काम

घर में अगर गणेश जी की स्थापना हो रही है तो इस बात का ध्यान रखे की बप्पा की आरती सुबह और शाम दोनों पहर होनी चाहिए. गणेश जी की कथा और गणेश चालीसा का पाठ अवश्य करें और “ओम् गं गणपतये नमः” मंत्र की एक माला का जाप करना चाहिए।

गणेश जी को घर में स्थापित करने का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 21 अगस्त शुक्रवार की रात 11 बजकर 02 मिनट से शुरू होगी और 22 अगस्त शनिवार को शाम 07 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। इस दिन हस्त नक्षत्र भी शाम 7:10 बजे तक है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन वर्णित चौघड़िया मुहूर्त शुभता प्रदान करने वाला है और बड़ा फलदायक है।

पंचांग के अनुसार 22 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 22 बजे से शाम 4 बजकर 48 बजे तक चर, लाभ और अमृत के चौघड़िया है। चौघड़िया मुहूर्त में गणेश जी की स्थापना करें। चौघड़िया मुहूर्त काफी शुभ माना जाता है। चौघड़िया में चारों लग्न और स्थिति भी काफी शुभ दशा में होते हैं।

ये कार्य भूल कर भी न करें

इस दिन ध्यान रखने योग्य बात यह है कि भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया को चंद्रमा के दर्शन करना शुभ नहीं माना गया है। यदि आपने इस दिन चंद्रमा का दर्शन कर लिया तो आप पर कलंक या गलत आरोप लग सकता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी को चंद्रमा दर्शन के कारण ही भगवान कृष्ण पर स्यमन्तक मणि चोरी करने का मिथ्या आरोप लगा था। यदि इसदिन भूलवश चंद्रमा के दर्शन हो भी जाएं तो इस दोष निवारण के दिन अगले दिन गरीबों को खाने की सफेद चीजों का दान करना चाहिए।

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