Is The Serpent God Protecting The Treasure Of Gems Of Jagannath Temple? This Secret Was Revealed After 46 Years

Jagannath Temple : ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) की प्रसिद्ध दूर-दूर तक फैली हुई है. वहां पर कईं रोचक तथ्य है जो विज्ञान को भी फ़ैल कर देते है. वहीं दूसरी और वहां के ‘रत्न भंडार’ को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं. कुछ लोगों को कहना है कि इस खजाने की रक्षा भगवान खुद करते हैं. कुछ का कहना है कि रत्न भंडार की रक्षा में नाग देवता 24 घंटे वहां उपस्थित रहते हैं. हालाँकि इन कहानियों की प्रमाणिकता अभी तक देखने को नहीं मिली है. 12वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 46 साल बाद रविवार दोपहर को फिर से खोला गया.

Jagannath Temple के खजाने का दरवाजा खोला गया

Jagannath Temple

रत्न भंडार के द्वार खुलने के साथ ही लोगों में यह जानने की इच्छा तो थी ही कि यहां भंडार में क्या-क्या रखा हुआ है. साथ ही लोग ये भी जानना चाहते थे कि कोई नाग देवता या अन्य कोई शक्ति भी इसकी सुरक्षा करती है या नहीं. ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) के ‘रत्न भंडार’ को रविवार 14 जुलाई 2024 को खोल दिया गया. 46 साल बाद इस भंडार को आभूषणों, मूल्यवान रत्नों की सूची बनाने और भंडार गृह की मरम्मत करने के लिए खोला गया है, इससे पहले 1978 में इसे खोला गया था.

दरवाजा खोलने के लिए 11 लोगों कि टीम रही साथ

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मंदिर (Jagannath Temple) खोलने के लिए बनाई गई समिति से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से गठित समिति के सदस्य दोपहर करीब 12 बजे मंदिर में घुसे थे. इसके बाद अनुष्ठान करने के साथ ही रत्न भंडार को दोपहर 1:28 बजे शुभ मुहूर्त पर खोला गया था. हालांकि रत्न भंडार की चीजों की लिस्ट रविवार को नहीं बन पाई है. रत्न भंडार की चीजों की सूची बनाने का काम अब तक शुरू नहीं हो सका है. रत्न भंडार को खोलते समय 11 लोग मौजूद थे.

जिसमें उड़ीसा हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश विश्वनाथ रथ, श्री जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षक शामिल थे. डीबी गड़नायक और पुरी के राजा ‘गजपति महाराजा’ के एक प्रतिनिधि को भी साथ में रखा गया था. इस दौरान चार सेवक भी नजर आएं और अनुष्ठानों का ध्यान रखें.

नहीं मिला खजाने की रक्षा करने वाले नाग देवता

Jagannath Temple

रिपोर्ट कि माने तो वे लोग शाम करीब 5.20 बजे रत्न भंडार से बाहर आए हैं. दरवाजे खोलने से पहले यह डर था कि कहीं भी खजाने की रक्षा करने के लिए वहां सांप नहीं हो. इसलिए पहले से ही बंदोबस्त कर रखे थे और सांप पकड़ने वालों को बुलाया गया था लेकिन जब दरवाजा खुला और 11 लोगों की टीम ने अंदर जाकर सर्वे किया तो वहां कोई सांप मौजूद नहीं था.

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सरकार ने रत्न भंडार में मौजूद बहुमूल्य वस्तुओं की डिजिटल सूची तैयार करने का निर्णय लिया है, जिसमें उनका वजन और निर्माण आदि का विवरण दिया जाएगा.

रत्न भंडार में रखे गए कीमती सामान को ले जाने के लिए लकड़ी के छह संदूक मंदिर में ले जाए गए हैं. इन संदूकों के हिस्से में पीतल लगा हुआ है. एक अधिकारी ने बताया कि सागवान की लकड़ी से बनी ये संदूकें 4.5 फुट लंबी, 2.5 फुट ऊंची और 2.5 फुट चौड़ी हैं. इन संदूकों को बनाने वाले एक कारीगर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, ‘मंदिर प्रशासन (Jagannath Temple) ने हमें ऐसी 15 संदूकों को बनाने के लिए कहा था.’

15 संन्दूकों में रखा जाएगा खजाने का सामान

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रिपोर्ट कि माने तो बताया जा रहा है कि सबसे पहले रत्न भंडार के बाहरी कमरे को खोला गया है. वहां कई गहने और कीमती सामान मिले हैं. इन सभी को मंदिर (Jagannath Temple) के अंदर अस्थायी ‘स्ट्रॉन्ग रूम’ में भेज दिया गया है. इसके बाद स्ट्रॉन्ग रूम को सील किया जा चुका है. इसके बाद अधिकृत व्यक्ति के भंडार के आंतरिक कक्ष में तीन स्टॉल लगाए गए. जिला प्रशासन के पास उपलब्ध चाबी से कोई भी ताला नहीं खुल सका था. इसलिए एसएसपीआई के अनुसार, मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में तीनों दरवाजों के तालों को तोड़ा गया था.

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