Navratri 2024 : आज से शारदीय नवरात्रि (Navratri 2024) का आरम्भ हो चुका हैं. नौ दिनों तक चलने वाले इस पवित्र त्यौहार का आगाज होते ही पूरा वातावरण भक्तिमय हो चुका हैं. नवरात्रि में नौ दिन ही माता के नौ स्वरूपों का पूजन होता हैं. नवरात्रि के दूसरे दिन दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. माँ ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद से व्यक्ति अपने कार्यों में सफल होता है, हर स्थिति से लड़ने की क्षमता पैदा होती है. नवरात्रि (Navratri 2024) में मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से उस व्यक्ति को जप, तप, त्याग, संयम आदि की प्राप्ति होती है. मां ब्रह्मचारिणी को हिंदू धर्म में ध्यान और अध्यात्म का प्रतीक माना जाता है.
मां ब्रह्मचारिणी के पूजन कि तिथि और समय
देवी का यह स्वरूप व्यक्ति को वैराग्य से ऊपर की ओर शांति और स्थिर रहने का संदेश देता है. शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति अपने मन पर आस्तिक पथ स्थापित करता है वह खुशियां उसके कदमों में होती है. देवी ब्रह्मचारिणी ने भी अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र होकर संपूर्ण क्षण भंगुर का त्याग कर दिया था. आज जानिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने की विधि, मंत्र, भोग और शुभ उत्सव के बारे में. इस बार शारदीय नवरात्रि (Navratri 2024) में हिंदू पंचाग की द्वितीया तिथि प्रारंभ 4 अक्टूबर 02:58 पूर्वाह्न पर होगी. जिसका समापन 5 अक्टूबर प्रातः 05:30 बजे होगा. दूसरे दिन पूजा के समय मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाना चाहिए.
कौन हैं माँ ब्रह्मचारिणी जिनका होता हैं पूजन
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने हजारों वर्षों तक जंगल में कठोर तप और साधना के लिए शिव जी को नारद जी की सलाह दी. वे सफ़ेद वस्त्र पहने हुए हैं और हाथ में कमंडल एवं जप की माला धारण किए हुए हैं. उनकी कठोर साधना के कारण माँ ब्रह्मचारिणी कहा जाता है. वे दूसरी नवदुर्गा कहलाती हैं. शुभ पूजा स्थान पर माँ ब्रह्मचारिणी की आराधना करें. इसके साथ ही नवरात्रि (Navratri 2024) पूजा में ब्रह्मचर्य का पालन करें. मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें. फिर से अक्षत, फूल, फल, चीनी, पंचामृत, धूप, दीप, नैवेद्य आदि. नवरात्रि (Navratri 2024) के दूसरे दिन प्रात:काल भव्य स्नान कर साफ कपड़े पहने लें.
कैसे करें मां ब्रह्मचारिणी कि पूजा?
मां ब्रह्मचारिणी कि पूजा करने का विधान बहुत साधारण हैं. इसके लिए आपको भी निर्मल मन से उनकी आराधना करनी चाहिए. सुबह ज्ल्द्दी उठाकर और नहाकर मंदिर को साफ करें और चारों ओर गंगाजल छिड़कें. अब माता रानी को फूल, चंदन, अक्षत, रोली, पान, सुपारी और नैवेद्य दें. इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी को पंचामृत और चीनी या गुड़ वाली मिठाई का भोग लगाएं. अब माता रानी की आरती उतारें और मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों का जाप करें. मां ब्रह्मचारिणी का पूजा मंत्र पूरे मन से करें. फिर माँ ब्रह्मचारिणी की कथा और आरती पढ़ें. नवदुर्ग (Navratri 2024) में दूसरी दुर्गा का नाम ब्रह्मचारिणी है.
नवरात्रि के समय में क्या-क्या काम ना करें
यह अक्षयमाला और कमंडल धारिणी ब्रह्मचारिणी नामक दुर्गा शास्त्रों का ज्ञान और निगमागम तंत्र-मंत्र आदि से संयुक्त है. ब्रह्मचारिणी का स्वरूप बहुत ही सादा और भव्य है. अन्य देवियों की तुलना में वह अतिसौम्य, क्रोधित और तात्कालिक पुष्प देने वाली देवी हैं. नवरात्रि (Navratri 2024) के समय सुबह देर तक सोना नहीं चाहिए. माता-पिता का अनादर नहीं करना चाहिए. कन्याओं और सभी महिलाओं का सम्मान करना चाहिए. अपने काम को पूरी ईमानदारी से करें और किसी का अहित ना करें तब पूजा सफल होती है.
यह भी पढ़ें : दुर्गा माता की बहुत बड़ी भक्त है ये बॉलीवुड हसीनाएं, 9 दिन भूखी-प्यासी रहकर तपस्या में रहती है लीन