Shardiya-Navratri-2024-Shubh-Muhurt-Sthapna
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Shardiya Navratri 2024 : हिन्दू धर्म में हर माह अलग-अलग त्यौहार को मनाया जाता है. और धार्मिक लोग पूरी पूजा-पद्दति से इन्हें मनाते भी हैं. ऐसे ही साल में दो बार नवरात्रि मनाई जाती हैं. इसमें फिलहाल शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) आने वाली हैं. उसे लेकर हम आपसे कुछ चीजें साझा करने जा रहे हैं. शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. इससे पहले फिलहाल पितृ पक्ष चल रहा है. पितृ पक्ष के समाप्त होने से ही देवी पक्ष की शुरुआत होती है.

Shardiya Navratri 2024 : शारदीय नवरात्रि की शुरुआत

Shardiya Navratri 2024

नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) के दौरान माता रानी पूरे 10 दिन तक धरती लोक पर आती हैं. इस समय व्रत में पूरे विधि-विधान के साथ माता रानी की पूजा की जाती है. नवरात्रि के व्रत रखने से लेकर साधक पर सदा माता रानी की कृपा बनी रहती है. नवरात्रि में जगह-जगह माता के उत्सव और कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है. आइए जानते हैं हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होने वाली शारदीय नवरात्रि कब से शुरू होती है. इससे पहले पितृ पक्ष है. पितृ पक्ष की समाप्ति ही देवी पक्ष की शुरुआत होती है.

 9 दिनों के लिए माता होगी धरती पर प्रकट

Shardiya Navratri 2024

पौराणिक कथाओं की माने तो नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) के दौरान माता रानी पूरे 10 दिनों तक धरती पर आती हैं. इस दौरान माता रानी का व्रत रखना होता है और पूरे विधान से दुर्गा माता की पूजा की जाती है. शारदीय नवरात्रि हर वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होती है. वहीं यह पर्व दशमी तिथि को समाप्त होता है. इस वर्ष भी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को रात्रि 12:19 बजे से प्रारंभ होगी. वहीं, यह तारीख 4 अक्टूबर को दोपहर 2:58 बजे खत्म होगी.

इस बार 3-4 अक्टूबर को होगी घट स्थापना

Shardiya Navratri 2024

ऐसे में उदयतिथि के अनुसार इस वर्ष नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) 3 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 12 अक्टूबर को समाप्त होगी. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के लिए प्रातः 06.15 से प्रातः 07.22 तक शुभ मुहूर्त माना गया है. शारदीय नवरात्रि में महाअष्टमी, दुर्गानवमी का दिन सबसे भव्य माना जाता है. इस बार नवरात्रि में अष्टमी 11 अक्टूबर को है तो महानवमी 12 अक्टूबर 2024 को रहेगी. बता दें कि, इस साल शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा भव्य रूप में रहेगी. क्योंकि इस साल नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) गुरुवार से शुरू हो रही है.

उदयतिथि के अनुसार 3 अक्टूबर से शुरू हो रही

Shardiya Navratri 2024

पौराणिक कथाओं की मान्यता है कि गुरुवार से नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) का आरंभ होता है तो माता का पृथ्वी पर आगमन पालकी से होता है. शारदीय नवरात्रि में 9 देवियों की पूजा होती है. जिसमें पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कूष्मांडा, पांचवे दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, नवें दिन मां कालरात्रि, नवें दिन मां महागौरी, वहीं दसवें दिन मां सिद्धिदात्री की साक्षात पूजा शामिल हैं. कलश स्थापना महोत्सव 2024 का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजे 15 मिनट से लेकर 7 बजे तक 22 मिनट तक रहेगा.

नौ दिन तक दुर्गा के नौ स्वरूपों की होती है पूजा

Shardiya Navratri 2024

वहीं दूसरा मुहूर्त सुबह 11 बजे 46 मिनट से दोपहर 12 बजे तक 33 मिनट तक रहता है. आप इन दोनों में से किसी भी समय कलश स्थापना कर सकते हैं. नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) में 9 दिन तक अखंड ज्योत जलाई जाती है. घी का दीपक देवी की दाहिनी ओर, तेल वाले देवी के बायीं ओर रखना चाहिए. इस साल शारदीय नवरात्रि के कलश स्थापना के लिए 2 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. पहला मुहूर्त कलश स्थापना सुबह 6:15 बजे से है, जो 7:22 बजे तक रहेगा. सुबह माता रानी के भक्तों को घट स्थापना के लिए 1 घंटा 6 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा.

इस बार कलश स्थापना के दो शुभ मुहूर्त

Shardiya Navratri 2024

जो लोग सुबह कलश स्थापना करना चाहते हैं, उनके लिए यह समय ठीक है. यह शुभ मुहूर्त है, जिसे कलश स्थापना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. जो लोग सुबह कलश स्थापना नहीं कर सकते हैं, वे दिन में 11:46 बजे से दोपहर 12:33 बजे के बीच घट स्थापना कर सकते हैं. सुबह के बाद दिन में 47 मिनट का कलश स्थापना हो सकती है. नवरात्रि का पहला दिन नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस दिन व्रत रखते हैं और विधि विधान से पूजन करते हैं.

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