Shiv Pooja Mein Savdhani

Shiv Pooja Mein Savdhani : सनातन धर्म में देवों के देव महादेव को सबसे बड़ा देवता माना जाता है और सोमवार को भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है. पौराणिक मान्यता है कि यदि भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है तो वे शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं. इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है. हालांकि भगवान भोलेनाथ की पूजा में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए और पूजा के दौरान इन चीजों को भूलकर भी नहीं (Shiv Pooja Mein Savdhani) करना चाहिए.

शिव पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव की पूजा में अगर उपयोग में लाई चीजें उन्हें पसंद नहीं आती है तो भगवाना शिव जल्दी से गुस्सा भी हो जाते है और मनचाहा फल नहीं देते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि भगवान शिव को कौनसी चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए.

1. केतकी का फूल

Shiv Pooja Mein Savdhani

पौराणिक कथाओं के अनुसार शिव कि पूजा में केतकी का फूल नहीं चढ़ाया जाता हैं. इससे शिवव प्रसन्न भी नहीं होते हैं और पूजा का शुभ फल भी नहीं मिलता है. इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं. कथा है कि ब्रह्माजी ने केतकी के फूल को बहला फुसलाकर भगवान शिव के सामने (Shiv Pooja Mein Savdhani) झूठ बोलने के लिए तैयार कर लिया. इसके बाद केतकी के फूल और ब्रह्माजी भगवान शिव के सामने पहुंचे. ब्रह्माजी ने भगवान शिव से कहा कि ज्योतिर्लिंग की शुरुआत मिल गई है और केतकी के फूल से भी झूठी गवाही दी, जिससे रुष्ट होकर भोलनाथ ने केतकी के फूल को श्राप दिया. तभी से शिव पर केतकी का फूल नहीं चढ़ता है.

2. तुलसी कि पत्तियाँ

तुलसी की पत्ती को लक्ष्मी स्वरूप माना जाता है, इसलिए शिवलिंग पर चढ़ावे के रूप में तुलसी की पत्ती नहीं चढ़ाई जाती है. इसके अलावा एक और पौराणिक मान्यता है (Shiv Pooja Mein Savdhani) कि महादेव ने माता तुलसी के पति असुर जालंधर का वध किया था यही कारण है कि शिवलिंग पर तुलसी की पत्तियाँ को अर्पित नहीं किया जाता है.

3. हल्दी और सिंदूर

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पूजा और मांगलिक कार्यों में हल्दी का प्रयोग किया जाता है, लेकिन शिवलिंग पर हल्दी को अर्पित नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से पूजा सफल नहीं होती. इसके अलावा शिवलिंग (Shiv Pooja Mein Savdhani) पर सिंदूर अर्पण नहीं किया जाता. क्योंकि सिंदूर स्त्रियों से संबंधित वस्तु होती है. शिव पुराण में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि शिवलिंग पर सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए.

4. शंख

भगवान शिव की पूजा अर्चना में शंख का प्रयोग नहीं किया जात. इसके पीछे एक पौराणिक कथा है. कथा के अनुसार, दैत्य शंखचूड़ सभी देवी देवता परेशान थे.. तब भगवान शिव ने त्रिशूल से वध कर दिया, जिससे उनका शरीर भस्म हो गया और उसी भस्म से शंख की उत्पत्ति हुई. चूंकि भगवान शिव ने दैत्य शंखचूड़ का वध किया था इसलिए उनकी पूजा में शंख का प्रयोग नहीं किया जाता. और शंख से अभी भी उनका अभिषेक नहीं किया (Shiv Pooja Mein Savdhani) जाता हैं.

5. कांसे का बर्तन

भगवान शिव को दूध या दही अर्पित करते समय कांसे के बर्तन का उपयोग नहीं करना चाहिए. दूध, पानी या दही अर्पित करते समय अशुद्धियों को दूर ना करें क्योंकि अशुद्धियों (Shiv Pooja Mein Savdhani) के बढ़ने से ये चीजें बुरी हो जाती हैं. इसके लिए हमेशा सामान्य बर्तनों का उपयोग करना चाहिए.

6. नारियल पानी

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भगवान शिव की पूजा में गन्ने का रस, दूध, शहद, दही आदि चीजें अर्पित की जाती हैं लेकिन नारियल या नारियल का पानी अर्पित नहीं किया जाता है. इसके अलावा भगवान (Shiv Pooja Mein Savdhani) पर चढ़ाई जाने वाली चीज़ों का स्वयं ग्रहण करना आवश्यक होता है, लेकिन शिवलिंग पर लम्बे जाने वाली चीज़ों का ग्रहण करना वर्जित है, इसलिए शिवलिंग को नारियल के जल से अभिषेक नहीं किया जाता.

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