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Anant Chaturdash:  अनंत चतुर्दशी ( Anant Chaturdash ) गणेश चतुर्थी के 10 दिन बाद मनाई जाती है। इस दिन जो भी जातक अपने घर पर गणेश चतुर्थी के दिन उनकी स्थापना करते हैं वो अनंत चतुर्थी पर भगवान गणेश का विसर्जन करते हुए यही कहते हैं अगले बरस फिरसे आना। अनंत चतुर्थी ( Anant Chaturdash ) कब है ये पंचांग के अनुसार चंद्रमा की गति पर निर्भर करता है, इसलिए यह हर साल बदल जाता है। आपको बता दें, इस दिन भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है और अनंत देव की पूजा भी की जाती है। यह गणेशोत्सव के समापन का दिन होता है, जब लोग भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जित करते हैं।

Anant Chaturdash: क्या है  विसर्जन का सही तरीका

Anant Chaturdash 2024: कब है अनंत चतुर्दशी, क्या है विसर्जन का सही तरीका और शुभ मुहूर्त, जानिए......

अनंत चतुर्दशी ( Anant Chaturdash ) के दिन विसर्जन का सही तरीका जानना आपके लिए उतना ही जरूरी है जितना गणेश चतुर्थी के दिन भगवान की स्थापना और उनकी पूजा का तरीका जरूरी है। सबसे पहले तो ये जरूरी है कि गणेश जी का विसर्जन शुभ मुहूर्त में किया जाता है।  यह मुहूर्त पंचांग में दिया होता है और हम भी आपको बता रहे हैं।  विसर्जन के समय गणेश जी का ध्यानपूर्वक पूजन किया जाता है। फिर उन्हें एक नदी, तालाब या समुद्र में विसर्जित किया जाता है। विसर्जन के समय गणेश मंत्र का जाप किया जाता है।

क्या है शुभ मुहूर्त

Anant Chaturdash 2024: कब है अनंत चतुर्दशी, क्या है विसर्जन का सही तरीका और शुभ मुहूर्त, जानिए......

अनंत चतुर्दशी ( Anant Chaturdash ) के दिन बप्पा के विसर्जन के मुहूर्त की बात करें तो, चतुर्दशी तिथि सितम्बर 16, 2024 को 03:10 पी एम बजे से प्रारंभ हो जाएगी जो अगले दिन सितम्बर 17, 2024 को 11:44 ए एम बजे तक है। विसर्जन की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 7 मिनट से 11 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। यानी इन्ही 5 घंटे 37 मिनट के शुभ मुहूर्त में आपको पूजा करके बप्पा बिदाई देनी है। लेकिन इसके अलावा भी चौघड़िया मुहूर्त में आप गणेश विसर्जन कर सकते हैं।

क्या है शुभ मुहूर्त का महत्व

Anant Chaturdash 2024: कब है अनंत चतुर्दशी, क्या है विसर्जन का सही तरीका और शुभ मुहूर्त, जानिए......

हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में किया गया कोई भी कार्य सफल होता है।  शास्त्रों में भी शुभ मुहूर्त का उल्लेख मिलता है।  मनोवैज्ञानिक कारण ये है कि शुभ मुहूर्त में कार्य करने से मन प्रसन्न रहता है और कार्य सफल होने की संभावना बढ़ जाती है। अनंत चतुर्दशी ( Anant Chaturdash ) के दिन महिलाएं अनंत सूत्र बांधती हैं।  कई लोग व्रत रखते हैं और कुछ लोग शुभ काम करने के लिए भी यही दिन चुनते हैं।  अनंत चतुर्दशी ( Anant Chaturdash ) के दिन भगवान गणेश की विदाई के साथ ही नए साल की शुरुआत मानी जाती है।

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