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Good Friday 2024: होली-दिवाली हो या फिर ईद, हर जाति धर्म के लोगों के त्योहार हमारे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाएं जाते हैं। इन्हीं त्योहारों में से एक है गुड फ्राइडे (Good Friday)। यह ईसाइयों के खास पर्वों में से एक है। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे भी कहते हैं। मान्यता है कि आज के दिन प्रभु यीशु मसीह को कई यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया था। यही कारण है कि इस दिन को ब्लैक फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। इस बार गुड फ्राइडे 29 मार्च को है। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे गुड फ्राइडे का इतिहास क्या है।

क्यों मनाया जाता हैं Good Friday

Good Friday 2024: आखिर क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे और कब आता है, जानें इसकी वजह

गुड फ्राइडे (Good Friday) को मुख्य रूप से ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह की कुर्बानी दिवस के रूप में मनाते हैं। बाईबल के अनुसार मानव जाति के कल्याण के लिए इस दिन ईसाइयों के प्रभु और प्रेम, ज्ञान और प्रेम, ज्ञान और अहिंसा का संदेश देने वाले ईसा मसीह ने बलिदान दे दिया था। यहूदी शासकों ने ईसा मसीह को तमाम शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी और फिर सूली पर चढ़ा दिया,उस दिन शुक्रवार था। ईसाइयों के पवित्र ग्रंथ बाइबल में यह भी बताया गया है कि लगभग 6 घंटे तक ईसा मसीह को कीलों से ठोका गया था और फिर उन्हें लटकाया गया था। जब यह सब कुछ हो रहा तो आखिर के 3 घंटे पूरे राज्य में अंधेरा छा गया और यीशू मसीह के प्राण त्यागने के बाद कब्र टूटने लगी थी। कुछ मान्यताओं के अनुसार सूली पर चढ़ाने के तीन दिन बाद ईसा मसीह पुन: जीवित हो गए थे,उस दिन रविवार था। ऐसे में पूरी दुनिया में उसे ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है।

क्या है Good Friday का महत्व

Good Friday 2024: आखिर क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे और कब आता है, जानें इसकी वजह

ईसाई धर्म के लोग 40 दिन तक उपवास रखते हैं वहीं कुछ लोग सिर्फ शुक्रवार को उपवास रखते हैं। गुड फ्राइडे (Good Friday) के दिन ईसाई धर्म के लोग दोपहर 3:00 बजते ही चर्च में इक्ट्ठा हो जाते हैं और काले कपड़े पहन कर अपना शोक प्रकट करते हैं।साथ ही प्रभु यीशु से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं और ईसा मसीह के अंतिम सात वाक्यों की विशेष व्याख्या की जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पर प्रभु यीशु के बलिदान को लोग आज के दिन सभी के साथ मिलकर चर्च में याद करते हैं। बता दें कि इस दिन चर्च में घंटी नहीं बजती। हालांकि ये पूरा सप्ताह ईसाई धर्म के लोगों के लिए पवित्र होता है लेकिन वह चर्च में किसी भी प्रकार का उत्सव नहीं मनाते हैं।

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