भारत

टी20 फॉर्मेट एक धमाकेदार क्रिकेट फॉर्मेट है जिसका अपना अलग अंदाज है ऐसे में अभी  भारत और इंग्लैंड के बीच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में टी-20 सीरीज खेली जा रही है, जिसके पहले मैच में ही भारतीय टीम को करारी हार का सामना पड़ा था, उस मैच में भारतीय टीम के सेलेक्शन और प्रदर्शन को लेकर काफी आलोचना हुई इसकी खास वजह रही रोहित शर्मा की जगह प्लेइंग इलेवन में शिखर धवन को खिलाना, जो  टीम के लिए भारी पड़ गया था.

जब से भारत को सीरीज के पहले मैच में खराब प्रदर्शन की वजह से हार सामना करना पड़ा रहा था, तब से क्रिकेट विश्लेषक तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं, इस मैच में सबसे निराश करने वाला प्रदर्शन अगर किसी खिलाड़ी का रहा है तो रोहित की जगह खेलें शिखर धवन का ही रहा, उनके इसी प्रदर्शन की वजह से अब लोग उन्हें टी-20 क्रिकेट से संन्यास लेने की सलाह दे रहे हैं.

टी20 फॉर्मेट से शिखर धवन को लेना चाहिए सन्यास

वो 3 भारतीय खिलाड़ी जिन्हें टी-20 फॉर्मेट से अब ले लेना चाहिए संन्यास

शिखर धवन का नाम इस लिस्ट में इसलिए जोड़ रहे है, क्योंकि पिछले कई दिनों से उनका प्रदर्शन खराब चल रहा है, उनका बल्लेबाजी करने का अलग अंदाज और लगातार तेज गति से बनाने की कला, हालांकि उन्होंने अपनी इस तारीफ के मुताबिक वनडे और टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन करके भी दिखाया, हालांकि शुरुआत में धवन ने टी-20 में भी गेंदबाजो की खूब कुटाई की और सुर्खिया बटोरी.

लेकिन अगर हम धवन के ओवर ऑल प्रदर्शन की बात करें तो, टी-20 क्रिकेट में उनका प्रदर्शन इतना लाजवाब नहीं लगता है, धवन ने अब तक 64 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने 27.88 की मामूली औसत और 127.42 की ठीक-ठाक स्ट्राइक रेट के साथ मात्र 1673 रन बनाएं है, उनका यह प्रदर्शन बतौर ओपनिंग बल्लेबाज के हिसाब ठीक नहीं लगता है.

यही वजह है कि अब बहुत सारे लोग उन्हें अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट से संन्यास लेने की सलाह दे रहे हैं, उनकी जगह या तो रोहित शर्मा या फिर किसी युवा बल्लेबाज को खिलाने की हिदायत दे रहे हैं.

उमेश यादव

टी20 फॉर्मेट

भारतीय टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव  अपनी शानदार लाइन और गति के लिए जाने जाते हैं, जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलना शुरू किया था उस वक्त उन्होंने अपने प्रदर्शन से सबको अपना फैन्स बना लिया था.

उमेश यादव ने साल 2012 में श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला टी-20 मैच खेला था, जिसके बाद से वो अब तक 7 ही अंतरराष्ट्रीय टी-20 मुकाबले खेल पाए हैं, इसमें उन्होंने 8.76 की खराब इकोनॉमी और 24.33 की मामूली औसत के दम पर 9 विकेट लिए हैं.

अपने इसी प्रदर्शन की वजह से वो अधिकतर टी-20 टीम से बाहर ही रहते हैं, जिसकी वजह से बहुत सारे क्रिकेट विश्लेषकों का कहना है कि उन्हें अब अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट को अलविदा कह देना चाहिए,

साल 2010 में उन्होंने जब जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना पहला मैच खेला था, तो उन्होंने लगातार 140 किलोमीटर प्रति घंटे से ऊपर की गेंदबाजी करके अपनी काबिलियत दिखा दी थी, उन्होंने अब तक 75 वनडे मैच खेले हैं जिसमें 6.01 की ठीक-ठाक इकोनॉमी और 33.63 खराब औसत के दम पर 106 विकेट हासिल किये हैं.

हरभजन सिंह

वो 3 भारतीय खिलाड़ी जिन्हें टी-20 फॉर्मेट से अब ले लेना चाहिए संन्यास

हमेशा ही अपने अलग अंदाज और प्रदर्शन के दम पर सुर्खियों में रहने वाले 40 साल के हरभजन सिंह ने भारतीय टीम के लिए बहुत अहम योगदान दिया है,  हरभजन सिंह हमेशा अपने प्रदर्शन के दम सुर्खियों में रहते थे, एक समय उन्होंने अपने वरिष्ठ साथी अनिल कुंबले के साथ मिलकर भारतीय टीम के लिए एक घातक स्पिन जोड़ी बनाई थी, इतना ही उन्होंने कई बार अपने अनुभवी साथी को पछाड़ भी दिया था.

अगर हम क्रिकेट में उनके योगदान बात करें तो उन्होंने 103 टेस्ट और 236 वनडे मैच खेले हैं, साथ ही उन्होंने 28 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच भी खेले हैं, अगर हम टेस्ट और वनडे में उनके प्रदर्शन को देखेंगे तो उनका प्रदर्शन लाजवाब दिखाई देगा, लेकिन टी-20 में उनका प्रदर्शन उतना दमदार नहीं रहा है, 28 टी-20 मैचों में उन्होंने 6.21 इकोनॉमी और 25.32 की औसत के साथ कुल 25 विकेट ही हासिल किए हैं.

हालांकि हरभजन 2016 से भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं, इसलिए बहुत सारे क्रिकेट विश्लेषकों का कहना है कि कम-से-कम उन्होंने टी-20 फॉर्मेट से तो संन्यास ले ही लेना चाहिए.

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