लखनऊ में युवक पर हुआ जानलेवा हमला, पुलिस से शिकायत के बाद भी प्रशासन ने नहीं उठाया अब तक कोई कदम

गुलशन पुत्र संतराम निवासी शाहपुर ममरौली(मुर्दापुर) कोतवाली काकोरी लखनऊ ने पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र मे बताया कि विगत 16 अगस्त 2021 को शाम लगभग 7 बजे के आसपास पुरानी रंजिश को लेकर विपक्षी सुजीत पुत्र अवशान्त, रामलखन, मुन्ना माइकल, रंजीत, शिव कुमार, व चंदन पुत्रगण अज्ञात ने धारदार हमले से जानलेवा हमला कर दिया। जिससे पीड़ित युवक के कई गभीर चोंटे आई थी। जिसके बाद युवक को लखनऊ के ट्रामा सेंटर भर्ती कराया गया था।

स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद पीड़ित युवक का बयान लेने काकोरी हल्का दरोगा लखनऊ ट्रामा सेंटर गए थे, जिसके बाद पुलिस ने उक्त लोगो के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आरोपी युवको की गिरफ्तारी नही हो सकी। जिससे आरोपी युवक आये दिन पीड़ित युवक को जान से मारने की धमकी देते है व सुलह समझौते का दबाब बना रहे है, पीड़ित युवक ने थाना पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर आरोपी युवको की गिरफ्तारी की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

पुलिस की लापरवाही से बेखौफ दबंगों के हौसले बुलंद

जनपद लखनऊ काकोरी गुलशन पुत्र संत संतराम निवासी शाहजहांपुर ममरौली 16/8/2021 करीब 7:00 बजे पुरानी रंजिश को लेकर सुजीत लोधी, पुत्र अवशांत, राम लखन मुन्ना माइकल, रंजीत शिव कुमार व चंदन आदि लोगों ने एक राय होकर गुलशन पुत्र संतराम के ऊपर धारदार हथियारों के साथ प्राणघातक हमला कर दिया। इन सभी के पास बांका फरसा व लोहे के धारदार हथियार थे जिससे गर्दन पर अत्यधिक वार होने के काफी हिस्सा कट जाने से कारण खून से लथपथ होकर गंभीर रूप से घायल हो गए और जमीन पर गिर गया।

एफआईआर दर्ज होने के बाद भी चुप रही लखनऊ पुलिस

गुलशन की ऐसी हालत देख घर वालों ने गुलशन लखनऊ ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। काफी दिनों तक गुलशन की स्थिति अत्याधिक नाजुक होने पर गुलशन की मां सीमा ने घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट तथा काकोरी में अपराध संख्या 435/ 2021 अ0धारा 307 दर्ज कराई थी, जिस पर काकोरी दरोगा ने घायल गगुलशन हालत में सुधार होने के बाद पुलिस बयान लेने के लिए ट्रामा सेंटर आई।

घायल गुलशन ने अपने बयान में उन सभी लोगो नाम व पूरा प्रकरण बताया जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिससे वादी को जान से मारने की धमकी व गवाह को जबरन बयान बदलने के लिए डराया धमकाया जा रहा है, जिससे अपराधी छूट कर वादी वा उनके परिवार वालों को पुनः जान से मारने का प्रयास सफल करना चाहते हैं। वादी द्वारा दिए गए बयान में अन्य व्यक्तियों द्वारा वादी को किसी समय अप्रिय घटना की संशय बना हुआ है।

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