शहीद की बेटी ने डीएम को लिखा कन्यादान के लिए पत्र, पत्नी के साथ पहुंच किया पिता की तरह विदाई

गोरखपुर में देवरिया के डीएम अमित किशोर ने एक ऐसा काम किया, जिससे बाकी के अधिकारियों को एक बड़ी सीख मिली है. डीएम को जम्मू में तैनात बीएसएफ के जवान की 2018 में ड्यूटी के दौरान हादसे में शहादत के बाद उनकी बेटी ने अपनी शादी में कन्यादान करने का आग्रह एक पत्र लिखकर किया था.

डीएम ने बेटी की इस आमंत्रण को ना ही केवल स्वीकारा बल्कि अपनी पत्नी के साथ शादी में पहुंचकर नवदंपति को आशीर्वाद भी दिया. डीएम के इस कार्य को पूरे शहर में काफी सराहा जा रहा है.

लड़की के पत्र को देख भावुक हो गए डीएम

शहीद की बेटी ने डीएम को लिखा कन्यादान के लिए पत्र, पत्नी के साथ पहुंच किया पिता की तरह विदाई

आपको बता दें, सलेमपुर तहसील क्षेत्र के मझौलीराज कस्बे के रहने वाले अजय कुमार बीएसएफ की 88वीं बटालियन में तैनात थे. 25 अगस्त 2018  को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में एक घटना के दौरान उनकी जान चली गई, जिसके बाद शहीद जवान के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी बिगड़ गई. बेटी शिवानी रावत की शादी तय होने के बाद उसने डीएम अमित किशोर को एक भावुक पत्र लिखा. पत्र में बेटी ने डीएम से सपरिवार कन्यादान करने की बात कही. यह पत्र पढ़ कर डीएम पूरे परिवार के साथ शिवानी की शादी में पहुंचे और पत्नी के साथ उसका कन्यादान किया.

जोड़े को दिया आशीर्वाद

शहीद की बेटी ने डीएम को लिखा कन्यादान के लिए पत्र, पत्नी के साथ पहुंच किया पिता की तरह विदाई

डीएम नवविवाहित जोड़े के साथ वैसे ही रहे जैसे एक पिता अपनी बेटी की विदाई के दौरान होता है. जब डीएम शहीद के घर पहुंचे तो घरवालों की खुशी का ठिकाना ही नहीं था. वहीं डीएम अमित किशोर ने बताया कि जिलाधिकारी से एक गरीब परिवार को जैसी उम्मीद होती है, बस उसे निभाया गया. दुल्हन भी बहुत खुश थी.

डीएम ने कही ये बात

शहीद की बेटी ने डीएम को लिखा कन्यादान के लिए पत्र, पत्नी के साथ पहुंच किया पिता की तरह विदाई

इस बारे में देवरि‍या डीएम अमित किशोर ने कहा कि शिवानी रावत के पिता बीएसएफ में जवान थे. ड्यूटी के दौरान उनकी मृत्यु हुई थी.

शहीद की बेटी ने डीएम को लिखा कन्यादान के लिए पत्र, पत्नी के साथ पहुंच किया पिता की तरह विदाई

उनकी बेटी की इच्छा थी कि मैं इनकी शादी में आऊं. बड़ा भावभीन एक पत्र भी हमें लिखा था तो हमें सपरिवार आना पड़ा. जैसा कि जिलाधिकारी से अपेक्षा की गई है कि हमारे जिले में आर्मी, एयर फोर्स, पैरामिलिट्री में जितने जवान हैं या जितने अधिकारी हैं, इनके साथ कोई समस्या होती है या दिवंगत हो जाते हैं तो उनके परिवार का ख्याल रखना एक जिलाधिकारी के रूप में बहुत बड़ा दायित्व है. आगे भी इस तरह की आवश्यकता होगी तो मैं इसे निर्वहन करूंगा.

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मेरा नाम दिव्यांका शुक्ला है। मैं hindnow वेब साइट पर कंटेट राइटर के पद पर कार्यरत...