विकास दुबे का साथी बोला अच्छा हुआ मर गया, राक्षस था, लोगों के मुंह पर कर देता था पेशाब

अपराध की दुनिया में कदम रखने वाला कानपुर का विकास दुबे जिसका दबदबा पुलिस महकमें से लेकर आम लोगों के बीच कायम था। उसकी दंबगाई के सामने स्थानिय पुलिस- प्रशासन दंडवत हो जाया करते थें। अब विकास दुबे इस दुनिया में नहीं है कि फिर भी उससे जुड़े घिनौने काम याद किए जा रहे है। खेतों पर अवैध रूप से कब्जा करने को लेकर एक गांव वाले ने जब उसके खिलाफ आवाज को बुलंद की तो वो आग बबूला हो गया।

इसके बाद में विकास ने उसने गांव के बीच चौराहे पर ले जाकर पीटा और मुंह पर पेशाब भी कर दिया था।ऐसे घिनौने काम करने की वजह से आसपास के लोग खौफ में जीते थे। इस बात का खुलासा करने के साथ ही उमाकांत ने कहा कि-‘ विकास इंसान नहीं राक्षस था। उसके लिए इंसान की जान की कीमत नहीं थी। मजबूरी में लोग उसका साथ देते थे’।

विकास दुबे के कहने पर पुलिस पर दागीं गोलियां

विकास दुबे का साथी बोला अच्छा हुआ मर गया, राक्षस था, लोगों के मुंह पर कर देता था पेशाब

आगे उमाकांत ने बताया कि-‘ विकास के कहने पर उसने अपनी लाइसेंसी राइफल से पुलिसकर्मियों पर गालियां चलाई थीं। वारदात को अंजाम देने के बाद विकास ने कहा था कि सब लोग अलग-अलग हो जाओ। इसलिए वह शहर दर शहर घूमता रहा। जब कोई रास्ता बचने का नहीं दिखा तो थाने में सरेंडर करने का प्लान बनाया।

पुलिस अपराधियों को पकड़ने में रही नाकाम

विकास दुबे का साथी बोला अच्छा हुआ मर गया, राक्षस था, लोगों के मुंह पर कर देता था पेशाब

बिकरू कांड के आरोपियों की धरपकड़ में पुलिस महकमें की कार्यप्रणाली सवाल खड़े किए गए। वारदात के बाद दो बदमाशों को मारने और दो महिलाओं समेत पांच लोगों को जेल की सलाखों की पीछे भेज दिया। इसके अलावा पुलिस किसी और को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। हालांकि, एसटीएफ ने तीन बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर करने के साथ ज्यादातर गिरफ्तारियां की हैं। उमाकांत ने अपने एक करीबी के जरिए थाने में सरेंडर होने की योजना बनाई और हाजिर हो गया। पुलिस उसको गिरफ्तार करने में नाकाम रही।

वारदात के तुरंत बाद आनन- फानन में पुलिस ने प्रेम प्रकाश और अतुल दुबे को मार गिराया था। इसके बाद जहान सिंह, श्यामू बाजपेई समेत पांच लोगों गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अन्य सभी गिरफ्तारियां एसटीएफ की टीम ने कीं। विकास दुबे समेत तीन को एसटीएफ ने ही मार गिराया था। एक को इटावा पुलिस ने ढेर किया।पुलिस प्रारंभिक कार्रवाई करने के बाद हर तरह से विफल साबित रही है।

पिछले हफ्ते आरोपी गोपाल सैनी भी पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में सरेंडर कर जेल चला गया था। अब उमाकांत ने थाने में सरेंडर कर दिया। इसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया गया है। अभी भी जिलेदार, शिव तिवारी, हीरू दुबे से जैसे खूंखार बदमाश फरारी काट रहे हैं।

घर तक नहीं पहुंची पुलिस

हाल में ही एसटीएफ ने मदारीपुरवा गांव के प्रधान राम सिंह यादव को जेल की सलाखों की पीछे भेज दिया था। पूछताछ के दौरान उसने बताया था कि- वारदात के बाद वह इधर-उधर से गांव की खबर लेता रहता था। इस मौके पर उसने बताया कि पुलिस उसके घर ही नहीं गई। इससे पुलिस के टालमटोल रवैये का अंदाजा लगाया जा सकता है।