नई दिल्ली: भागदौड़ भरी जीवनशैली और खराब खान-पान के चलते होने वाली बीमारियों में एक नाम डायबिटीज (diabetes) का भी है। लेकिन क्या आप जानते है कि, मधुमेह दो प्रकार के होते है टाइप 1 और टाइप 2। आजकल भारत में टाइप 2 डायबिटीज मरीजों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में आज हम आपको टाइप 2 मुधमेह को आसानी से कंट्रोल करने और ठीक करने के बारें में बताने जा रहे है।
गलत खान-पान से हो रहे डायबिटीज के शिकार
गौरतलब है कि, आजकल लोग व्यस्त जिंदगी में अपनी सेहत का सही तरह से ख्याल नहीं रख पाते है और ज्यादातर लोग बाहर की चीजें खाते है ऐसे में गलत खान-पान और लाइफस्टाइल के चलते ज्यादातर लोग डायबिटीज की चपेट में आ रहे है। बता दें कि, मधुमेह के मरीजों का विशेष रुप से ध्यान रखना पड़ता है। लेकिन, इस बीमारी से बचने के लिए कुछ दवाइयों के साथ-साथ घरेलू नुस्खे अपनाकर भी शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। तो आज आपको ऐसे नुस्खे के बारे में बताने वाले है जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद जरूर मिलेगी।
डायबिटीज होता क्या है?
लेकिन पहले हम जान लेते है कि, मधुमेह क्या है? तो बता दें कि, डायबिटीज एक ऐसी समस्या है, जिसमें शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है या फिर जो इंसुलिन बनाता है, उसका प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं हो पाता है। इस स्थिति में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। जिसे डायबिटीज या मधुमेह कहते हैं।
मधुमेह कितने प्रकार का होता है
आपको बता दें कि, डायबिटीज 2 तरह का होता है- टाइप 1 और टाइप 2। इसके अलावा कुछ महिलाओं को भी गर्भावस्था के समय डायबिटीज की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के बारे में।
टाइप 1 डायबिटीज
टाइप 1 डायबिटीज होने पर शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। यानी शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन बनाने वाले अग्नाशय की कोशिकाओं पर हमला कर उन्हें खत्म कर देती है। टाइप 1 डायबिटीज कम उम्र में या जन्म से भी हो सकता है।
टाइप 2 डायबिटीज
इसमें शरीर में इंसुलिन कम मात्रा में बनता है। इसमें शरीर में या तो इंसुलिन कम बनता है या फिर शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति संवेदनशील नहीं होतीं। टाइप 2 डायबिटीज (diabetes) अधिकतर वयस्क लोगों में पाया जाता है। इसके होने के कई कारण हो सकते है, लेकिन इसकी मुख्य वजह मोटापा, हाइपरटेंशन और खराब लाइफस्टाइल है।
टाइप 2 के लक्षण और इलाज
टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के मरीजों को जल्दी-जल्दी प्यास लगने और बार-बार यूरीन पास करने की जरूरत महसूस होती है। जामुन इस परेशानी को कम कर सकता है क्योंकि इसमें ग्लेसिमिक इंडिक्स और ये बल्ड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। जो लोग टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित हैं उन्हें दिल की बीमारियों का भी खतरा रहता है ऐसे में जामुन इससे बचाव करता है क्योंकि ये आर्टरीज में फैट जमा नहीं होने देता। जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है, उन्हें भी ये फल जरूर खाना चाहिए।
जामुन में पाए जाते हैं ये गुण
मालूम हो कि, जामुन में कई तरह के जरूरी न्यूट्रिएंट्स मौजूद हैं जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं। ये पर्पल फ्रूट प्रोटीन, फाइबर, एंटीऑक्सिडेंस्ट, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, पोटाशियम, मैगनीज, विटामिन सी और विटामिन बी6 का रिच सोर्स है।