60 साल बाद बेटे को मिली पिता की Bankbook, खजाने की कीमत सुनकर दंग रहे जाएंगे आप!

Bankbook: अक्सर लोग अपनी सैलरी से कुछ रुपए बचाकर बैंक में जमा करते है, ताकि कतरा-कतरा पैसे जमा करने से इन्हें भविष्य में एक साथ एक बड़ी और मोटी रकम प्राप्त हो। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये रकम एक साथ कितनी मिलती होगी? शायद इसका अंदाजा आप क्या कोई भी नहीं लगा सकता है।

लेकिन ऐसे कई वाक्या देखने को मिले है जहां सालों बाद ये पैसे 100 गुना होकर एक बड़ी राशि में प्राप्त होते है। हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जो कि दक्षिण अमेरिकी देश में चिली का है, जहां एक बेटे को अपने पिता की Bankbook मिली है, जो कि 60 साल पूरानी बताई जा रही है। आइये इस आर्टिकल के जरिए जानते है कैसे बेटे के हाथ पिता का खजाना हाथ लगा है?

दक्षिण अमेरिका में एक बेटे के हाथ लगी पिता की Bankbook

60 साल बाद बेटे को मिली पिता की Bankbook, खजाने की कीमत सुनकर दंग रहे जाएंगे आप!

दरअसल आम जिंदगी में पैसे की वैल्यू काफी अहम में होती है, हर किसी को अगर अपना जीवन सही रूप से गुजारना है, तो बिना मेहनत करे ये पाना काफी मुश्किल होता है। लेकिन वो कहते है न अगर किसी के हाथ पैसा लग जाए तो एक पल को उसकी किस्मत चमक सकती है। जी हां, ऐसा ही मामला दक्षिण अमेरिका के चिली से सामने आया है, जहां एक बेटे को अपने पिता की बैंकबुक(Bankbook) मिली है। ये बैंकबुक करीबन 60 साल पहले की बताई जा रही है। अब आप सोच रहे होंगे की 60 साल पहले की तो अब तो इसकी कीमत काफी ज्यादा होगी।

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बता दें इस एक्जेक्विल हिनोजोसा नाम के शख्स को जो बैंकबुक(Bankbook) मिली है वह उनके पिता ने सन 1960 और 70 के दशक में एक घर खरीदने के लिए बचत करते हुए खोली थी और लगभग 140,000 पैसे बचाने में कामयाब रहे। बता दें उस समय उनके पिता ने जो रकम बैंक में जमा करी थी वह आज के हिसाब से लगभग 163 डॉलर है, जो भारतीय मुद्रा में 12684 रु है। ये रकम अब एक निष्क्रिय क्रेडिट यूनियन की बैंकबुक में विस्तृत रूप से दर्ज है। वहीं उनके पिता की मृत्यु के बाद ये बुक दशकों तक एक डिब्बे में बंद रही। अब जाकर ये बैंकबुक उनके बेटे के हाथ लगी है।

कैसै खुला बैंकबुक का राज?

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बता दें दक्षिण अमेरिका के हिनोजोसा नाम के शख्स ने इसे अपने पिता की मिली चीजों में पाया। इसी तरह की बैंकबुक(Bankbook) बेकार पाई गई हैं, लेकिन हिनोजोसा के पास “स्टेट गारंटीड” लिखा हुआ एक एनोटेशन है। दरअसल ब्याज और मुद्रास्फीति के साथ, 140,000 पेसो का मूल्य अब 1 बिलियन पैसों या लगभग 1.2 मिलियन डॉलर से अधिक होने का अनुमान है, जो भारतीय मुद्रा में 9.33 करोड़ रु होते हैं।

आखिर क्यों अदालत में पहुंच गया ये मामला

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बता दें इस मामले की जानकारी जैसे ही सरकार तक पहुंची तो ये मामला हिनोजोसा और सरकार दोनों के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गया है। वहीं इस मामले को सर्वोच्च न्यायाल तक पहुंचा दिया गया है। बता दें बेटे हिनोजोसा के अनुसार यह पैसा उनके परिवार का ही है। उनके पिता ने वास्तव में कड़ी मेहनत करके इसे बचाया था, तो यह बैंकबुक(Bankbook) उनके परिवार के लोगों को ही मिलनी चाहिए। जहां कई अदालतों ने हिनोजोसा के पक्ष में फैसला सुनाया है तो वहीं सरकार ने हर कदम पर अपील की है। अब देखना दिलचस्प होगा कि अंतिम फैसला और ये मिलियन डॉलर की बैंकबुक किसके हाथ लगेगी?