दहशतगर्द विकास दुबे के हमराज अरविंद उर्फ गुड्डन त्रिवेदी को महाराष्ट्र एटीएस ने पिछले दिनों ठाणे में गिरफ्तार किया था। गुड्डन को गिरफ्तार करने वाली टीम के एक अधिकारी ने बताया कि गुड्डन को विकास के उज्जैन जाने का पूरा मामला पता था, लेकिन गुड्डन, विकास को मुंबई में रखना चाहता था। इसीलिए गुड्डन मुंबई आया था, लेकिन एटीएस चीफ देवेन भारती और दया नायक की टीम ने कुछ ही घंटों में ठाणे का उसका लोकेशन ट्रेस कर लिया और उसे हिरासत में ले लिया।
विकास को उज्जैन जाने को बोला गुड्डन
विकास का भी गुड्डन के साथ ही मुंबई आने का प्लान था, लेकिन बाद में गुड्डन ने उससे बीच रास्ते में ही भागने की सलाह दी। गुड्डन केस की जांच से जुड़े इस अधिकारी के अनुसार, विकास उज्जैन जाने वाला है, इस बात की पूरी जानकारी गुड्डन की थी। कानपुर से उज्जैन के बीच विकास जिन-जिन जगहों पर रुका, उसकी व्यवस्था भी गुड्डन ने ही की थी। इसी से यह साबित होता है कि विकास के लिए गुड्डन कितना अहम था।
गुड्डन के दिए हथियारों से हुई पुलिसकर्मियों की हत्या
अधिकारी के अनुसार, 3 जुलाई की रात कानपुर में विकास दुबे और उसके साथियों ने जिन हथियारों से 8 पुलिसवालों की हत्या की थी। वे सारे हथियार गुड्डन ने ही विकास को उपलब्ध करवाए थे। अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद विकास ने गुड्डन को फोन किया था और उसे ले चलने को कहा था। गुड्डन गाड़ी लेकर विकास को लेने गया।
यूपी एसटीएफ गुड्डन की भूमिका से किया इनकार
महाराष्ट्र एटीएस ने जब गुड्डन को उसके ड्राइवर के साथ ठाणे में पकड़ा था, तब यूपी एसटीएफ ने एक प्रेस बयान जारी किया था और कहा था कि गुड्डन कानपुर केस में वॉन्टेड नहीं हैं। महाराष्ट्र एटीएस के एक अधिकारी के अनुसार, हमें यूपी पुलिस के इस बयान पर काफी आश्चर्य हुआ, क्योंकि गुड्डन कानपुर केस में अपनी भूमिका को मुंबई में स्वीकार कर चुका था।
अधिकारी का कहना है कि नैतिकता यह थी कि यूपी पुलिस को यह बयान देने से पहले मुंबई में अपना एक सिपाही और उप निरीक्षक को भेजना चाहिए था। बाद में जब यूपी पुलिस मुंबई आई और गुड्डन से महाराष्ट्र एटीएस टीम के सामने पूछताछ की, तो उसने सिर्फ कानपुर में पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए हथियार उपलब्ध करवाने में ही नहीं, विकास दुबे को भगाने की बात भी कबूली।