Asad Rauf: क्रिकेट की दुनिया में सिर्फ खिलाडियों ही भूमिका सबसे अहम् नही होती है. अंपायर भी मैच में एक बड़ी भूमिका निभाते है. ऐसे में अगर कोई अंपायर अपने शानदार क्रिकेट अंपायरिंग करियर से दूरी बना कर किसी बाज़ार में आपको जूते कपडें बेचते हुए दिखाई दे तो आप क्या कहेंगे. जी हाँ, पाकिस्तान के सबसे मशहूर अंपायर असद रऊफ (Asad Rauf) इन दिनों लाहौर के लांडा मार्किट में जूते बेच कर अपना गुजरा कर रहे है.
क्यों क्रिकेट छोड़ बेच रहे है असद रऊफ (Asad Rauf) जूते?
दरअसल भारत के पडोसी देश पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हो गयी है. इमरान खान की सरकार का भी तख्ता पलट हो चूका है. पूरा देश आर्थिक संकट से गुजरने के साथ-साथ विदेशी कर्ज के नीचे भी दबता ही जा रहा है. हाल ही में श्रीलंका में भी आर्थिक संकट के बारे में तो आप जानते ही होंगे.
हाल ही में पाकिस्तान में पेट्रोल की किल्लत की बात भी सामने आई थी और उस परेशानी पर मोहम्मद हफीज ने ट्वीट कर पाकिस्तान में बनी नई सरकार की पोल खोली थी. इसी बीच पाकिस्तान के अंपायर असद रऊफ (Asad Rauf) का जूते बेचते हुए फोटो काफी वायरल हो रहा है. हाल ही में एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या आप इस काम से खुश हैं तो असद रऊफ ने इसके जबाव में कहा,
“मैं जिस काम को करता हूं, उस काम की पीक पर जाता हूँ. मैंने कपडे बेचने का काम शुरू किया इसकी पीक पर गया. मैं जो काम छोड़ देता हूँ. उसे छोड़ ही देता हूँ, मैं अब कोई क्रिकेट मैच नहीं देखता. मैने सारी उम्र जब खुद ही क्रिकेट खिला दिया है तो उसे अब टीवी पर क्या देखना.”
जब तक जिंदा हूँ काम करता रहूँगा
आईसीसी के एलिट पैनल में शामिल असद रऊफ ने कई बड़े टूर्नामेंट में अंपायरिंग की है. इसमें आईपीएल और वर्ल्ड कप भी शामिल है. अच्छी अंपायरिंग करने वाले असद रऊफ अब लाहौर में जूते बेच कर अपना गुज़ारा कर रहे है. उन्होंने इस काम को करने के ऊपर एक बहुत मोटिवेशन वाली बात कही है. उनका (Asad Rauf) कहना कि, “मैने बस ये अपना छोटा सा जूतों और कपड़ों का व्यापार शुरू किया है. मैं अपनी आखरी सांस तक काम करना चाहता हूं. मेरे खून में भी यही है जब तक जिंदगी रहेगी तब तक काम करता रहूंगा. मैं 66 साल का हूं और अपने पैरों पर खड़ा हूं”
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