कानपुर देहात- गोली चलाने के मामले में पुलिस ने फिर वही कहानी दोहरा दी। सोमवार से हिरासत में चल रहे बृजेश के हत्यारोपी सुबोध को पैर में गोली मारकर फिर गिरफ्तार किए जाने की बात सामने आते ही लोगों को बिकरू कांड के बाद हुए सभी एनकाउंटर की पुलिस की स्क्रिप्ट याद आ गई। ज्ञात हो कि बिकरू कांड के बाद पुलिस ने विकास दुबे से लेकर उसके कई साथियों के एनकाउंटर किए थे। ज्यादातर एनकाउंटर में बदमाशों के पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश पर गोली मारने की बात कही गई थी। धर्मकांटा मैनेजर की हत्या में पकड़े सुबोध के मामले में भी पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने के दौरान पैर में गोली मार कर गिरफ्तार करने की बात दोहराई है।
मोबाइल और चप्पल बरामदगी को लेकर गयी थी पुलिस
धर्मकांटा के मैनेजर की हत्या के आरोपी सुबोध सचान ने दरोगा की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। पुलिस ने उसके पैर में गोली मारी तो वह लहूलुहान होकर गिर गया। उसे सीएचसी पुखरायां ले जाया गया। वहां से जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। मंगलवार शाम पुलिस उसे लेकर मोबाइल व चप्पल बरामदगी के लिए गांव जा रही थी।
दोस्त बृजेश पाल की हत्या में पकड़े गए कान्हाखेड़ा के सुबोध सचान को लेकर मृतक का मोबाइल व चप्पल बरामद करने के लिए पुलिस घर जा रही थी। बील्हापुर गांव के पास पुलिस की जीप धीमी होते ही शातिर सुबोध ने एक दरोगा से पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। इस पर पुलिस ने उसके पैर में गोली मारी। इससे वह लहूलुहान होकर गिर गया।
पुलिस उसे लेकर सीएचसी पुखरायां पहुंची। वहां डॉक्टर बृजेश कुमार ने प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। हाफ एनकाउंटर के बावत पुलिस अधिकारी खुलकर बोलने से बचते रहे। कोतवाल धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि दरोगा की पिस्टल छीनने कर भागने के दौरान गोली मारी गई है।
एसपी ने लगाई पुलिस की कहानी पर मोहर
एसपी अनुराग वत्स ने बताया कि मृतक बृजेश के मोबाइल फोन और चप्पलों की बरामदगी के लिए पुलिस टीम हत्यारोपी सुबोध को रात में भोगनीपुर कोतवाली से कान्हाखेड़ा गांव लेकर जा रही थी। रास्ते में उसने दरोगा की पिस्टल छीनी और गाड़ी से कूदकर भागने लगा। घेराबंदी करके पुलिस को गोली चलाने पड़ी। पैर में गोली लगने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।