सुशांत के रूम का लॉक तोड़ने वाले के खुलासे ने हत्या की तरफ किया इशारा, कहा.....

मुम्बई- बॉलीवुड के दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत को दो महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है। लेकिन अभी तक उनकी मौत की गुत्थी सुलझ नहीं पाई है। 14 जून को मुंबई पुलिस के पास सुशांत का केस गया फिर सुशांत के पिता बिहार मे में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करवाई। बिहार पुलिस ने भी मुंबई आकर इस केस की जांच की। लेकिन अब सुशांत केस की जांच सीबीआई को सौंपी जा चुकी है।

सुशांत मामले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस बीच उस चाबी वाले का बयान भी सामने आया है जिसने सुशांत के कमरे का लॉक तोड़ा था। ये वही शख्स है जिसे सिद्धार्थ पिठानी (सुशांत के दोस्त) ने कॉल किया था। माना जा रहा है कि, अब चाबी वाले शख्स के बयान से कई बड़े रहस्य खुल सकते हैं।

आइए जानते हैं कि, आखिर चाबी वाले शख्स ने 14 दिन की घटना को लेकर क्या सनसनीखेज खुलासे किए हैं।

कोई सो रहा है और दरवाजा नहीं खुल रहा

सुशांत के रूम का लॉक तोड़ने वाले के खुलासे ने हत्या की तरफ किया इशारा, कहा.....

ताला खोलने वाले शख्स का नाम मोहम्मद रफी शेख है। जिसने हाल ही में एक चैनल से बात की और कई खुलासे किए। शेख के मुताबिक, वह नहीं जानते थे कि जिस कमरे का लॉक तुड़वाने के लिए कॉल आया है वो सुशांत सिंह का कमरा है। शेख ने कहा कि, सुशांत के कमरे में कम्प्यूटराइज की वाला ताला था और इसे तोड़ने के लिए हथौड़े और छुरे का उपयोग किया था। जब वह वहां पहुंचे तो वहां चार लोग थे।

रफीक ने आगे बताया कि फोन करने वाले ने उनसे सिर्फ इतना कहा था कि कमरे में कोई सो रहा है और दरवाजा नहीं खुल रहा। वे दो बार सुशांत के घर पर गए हैं। पहली बार उन्हें लॉक तोड़ने और दूसरी बार पुलिस ने बयान लेने के लिए बुलाया था। जब वे दूसरी बार पहुंचे तभी उन्हें पता चला कि उन्हें घर पर बुलाने वाले शख्स का नाम सिद्धार्थ पिठानी है।

पहली बार वे 1.30 बजे के करीब सुशांत के घर पर पहुंचे और तकरीबन 10 मिनट तक वहां रहे। उन्होंने बताया कि जब वे पहली बार घर पहुंचे तो घर पर 3-4 लोग मौजूद थे। सभी रिलेक्स थे और किसी के चेहरे पर परेशानी का भाव नजर नहीं आ रहा था।

इसलिए मैंने 2 हजार रुपये लेकर तोड़ा ताला

रफी शेख ने बताया कि फोन करने वाले ने कहा कि उनके घर का दरवाजा बंद हो गया है। जब मैने पूछा कि लॉक कैसा है, नार्मल या कंप्यूटरीकृत, इस पर जवाब आया कि कंप्यूटराइज्ड लॉक है, तो मैंने ताला तोड़ने या खोलने के लिए दो हजार रुपए मांगे। उन्होंने इस पर हामी भर दी। फिर मैं वहां पहुँचा, तकरीबन दो से 3 मिनट में मैंने ताला तोड़ दिया। वह दरवाजा खोलने ही वाले थे कि पीछे से किसी ने उन्हें रोका और अपना टूल लेकर जाने के लिए कहा। इसके बाद सिद्धार्थ ने उन्हें 2 हजार रुपए निकाल कर दिए। वहीं अब इस मामले में रफी शेख ने कहा कि वे चाहते हैं कि इस केस की सच्चाई जल्द से जल्द सामने आए। इसलिए वे सीबीआई को पूरा सहयोग करना चाहते हैं।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *