Ms Dhoni
Due to these 3 big reasons, MS Dhoni was a successful captain of Team India

भारतीय टीम (Team India) आज के दौर में विश्व की सबसे बड़ी टीम बनी हुई है। क्रिकेट के मामले में टीम इंडिया को पछाड़ सके ऐसी कोई टीम यहां से दिखाई नहीं दे रही। लेकिन भारत की यह टीम इतनी मजबूत शुरू से नहीं थी, बल्कि एक ऐसा दौर या फिर यूं कहें एक ऐसा चमत्कारी क्रिकेटर टीम को मिला, जिसके बाद से टीम का भाग्य ही बदल गया। उस कमल के खिलाड़ी का नाम महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) था। एमएस धोनी (MS Dhoni) ने टीम इंडिया को वह मुकाम दिया, जो आज तक कोई नहीं दे पाया है।

महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान है और शायद आने वाले कई दशकों तक वह ही इस मामले में टॉप पर रहने वाले हैं। उनकी कमाल की क्रिकेटिंग स्किल्स शुरू से ही भारतीय टीम के काम आती रही है। इसके अलावा एम एस धोनी (MS Dhoni) स्वभाव के भी काफी नरम थे। जिसके कारण से उन्हें आज भी कैप्टन कूल के नाम से जब पहचान मिली हुई है। उनकी कामयाबी के पीछे बहुत सारे कारण हो सकते हैं। लेकिन उनमें से इस आर्टिकल में हम केवल तीन कारणों के बारे में विश्लेषण करने वाले हैं।

03.) शांत और दृढ़ नेतृत्व

Ms Dhoni
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आपको बताते चलें कि कैप्टन कूल के नाम से प्रसिद्ध एम एस धोनी (MS Dhoni) बहुत ही शांत स्वभाव के प्लेयर थे। उन्होंने अपनी कप्तानी में अथवा किसी दूसरे खिलाड़ी की कप्तानी में भी कभी भी दूसरी टीम के प्लेयर के ऊपर या फिर अपनी टीम के खिलाड़ी के ऊपर किसी भी प्रकार का गुस्सा और क्रोध आज तक नहीं दिखाया। उनके इसी स्वभाव के अंपायर भी फैन हुआ करते हैं। जब महेंद्र सिंह धोनी क्रीज पर रहते हैं, उस मैच में नियमों का पालन होना स्वाभाविक है।

कैप्टन कूल बेहद शांत स्वभाव के थे, इसका मतलब यह नहीं कि एम एस धोनी (MS Dhoni) सुस्त हो सकते हैं। बल्कि जो दृढ़ संकल्प को कर लेते थे, उसे पूरा ही करके मानते थे। इसका एक उदाहरण उन्होंने वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में दिखाया था। जब टीम के तमाम बड़े और दिग्गज खिलाड़ी आउट हो गए थे। तब उन्होंने निश्चय किया कि मैच हमें ही जीतना है। आखिर में उन्होंने मुकाबला भारत की झोली में ही डाला। इसके अलावा भी एक फिनिशर के तौर पर उनके नाम आज भी कई ऐसे रिकॉर्ड दर्ज हैं। जिन्हें कोई भी नहीं तोड़ सकता है।

एम एस धोनी (MS Dhoni) को लेकर यह भी कहा जाता है कि एक बार जब वह कुछ ठान लेते हैं तो फिर उसे पूरा करके ही मानते हैं। उन्होंने बतौर विकेटकीपर सबसे ज्यादा बार स्टंपिंग करने का भी रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया है। ऐसा करने वाला कोई अन्य विकेटकीपर नहीं है। वास्तव में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट, वनडे और T20 मिलकर 538 मैचों में कुल 195 स्टंपिंग आउट किए हैं। यह दर्शाता है कि वह अपने इरादों के कितने पक्के हुआ करते थे।

02.) राजनीतिक कौशल

Ms Dhoni
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क्रिकेट एक पल के लिए तो कहा जा सकता है कि एक खेल है। लेकिन यह खेल शरीर से जितना ज्यादा जरूरी है, उतना ही ये दिमाग का खेल भी है। इस मामले में भी एम एस धोनी (MS Dhoni) काफी ज्यादा चालाक थे और विरोधी टीम को हराने के लिए पहले ही अपनी पूरी योजना तैयार कर लिया करते थे। इसी तरह की स्ट्रैटेजी और प्लानिंग को राजनीतिक कौशल कहा जाता है। वहीं भारतीय टीम के पूर्व कप्तान के राजनीतिक कौशल के रिकी पोंटिंग जैसे विश्व विजेता कप्तान भी फैन हुआ करते थे।

एमएस धोनी (MS Dhoni) में यह कौशल शुरू से ही मौजूद था। जब वर्ष 2007 के T20 वर्ल्ड कप फाइनल में भारत और पाकिस्तान (IND vs PAK) की टीमें आमने-सामने थी और आखिरी ओवर में बहुत ही कम रन चाहिए थे, स्ट्राइक पर मिस्बाह उल हक खड़े थे। महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी चालाकी का प्रदर्शन किया और युवा तेज गेंदबाज जोगेंद्र शर्मा के हाथ में गेंद थमा दी। सबको यही लग रहा था कि यह क्या बेवकूफी की है, लेकिन परिणाम कुछ ओर ही निकला।

जोगिंदर शर्मा ने अपने इस ओवर में मिस्बाह उल हक को आउट कर भारतीय टीम को विश्व विजेता बनाया। एम एस धोनी (MS Dhoni) की मैदान के बीच चालाकी और कूटनीति के सभी दिग्गज क्रिकेटर भी दीवाने हैं। जोगेंद्र शर्मा तो केवल एक उदाहरण है, इसके अलावा भी महेंद्र सिंह धोनी ने कई बार अपनी बुद्धि के प्रयोग से भारत को बहुत ही मुश्किल मैचों से भी निकला है। विराट कोहली ने बतौर कप्तान एमएस धोनी से मैच के दौरान हर बार सलाह मांगी है।

01.) टीम के खिलाड़ियों पर विश्वास

Ms Dhoni
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गौरतलब है कि एम एस धोनी (MS Dhoni) ने अपने तमाम स्टार प्लेयर्स पर काफी हद तक विश्वास जताया है। चाहे वह जोगिंदर शर्मा को आखिरी ओवर देना हो या फिर फ्लॉप चल रहे रोहित शर्मा को ओपनिंग पर उतरना हो। इसके अलावा विराट कोहली पर भी उन्होंने विश्वास दिखाकर अपनी कप्तानी उनको ही हैंडोवर करने का निर्णय लिया, जबकि उस समय आईपीएल में सबसे ज्यादा बार खिताब जीत चुके रोहित शर्मा की तूती बोला करती थी। उनका यह विश्वास कोहली ने भी नहीं तोड़ा और अपनी कप्तानी में टीम को कई बड़े मैच जीताए।

अपने खिलाड़ियों पर विश्वास जताने के बल पर उनकी कप्तानी में हर प्लेयर अपना सर्वश्रेष्ठ देता था। जिसके कारण से महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) भारत के इकलौते ऐसे कप्तान बने, जिनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने आईसीसी के तीन फॉर्मेट की ट्रॉफी पर अपना कब्जा किया है। 2007 में टी20 विश्व कप माही की कप्तानी में भारत ने जीता। उसके बाद साल 2011 में धोनी की कप्तानी में ही वनडे वर्ल्ड कप भी भारत ने जीता। फिर 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब भी टीम इंडिया ने माही की कप्तानी में ही जीता। इसके अलावा धोनी के कप्तानी में भारतीय टीम तीन बार एशिया कप का खिताब भी जीत चुकी जो कि क्रमश: 2010, 2012 और 2016 है।

एमएस धोनी (MS Dhoni) के क्रिकेट करियर की बात करें, तो 90 अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैचों में उन्होंने 4876 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 6 शतक और 33 अर्ध शतक भी आए हैं। वहीं बतौर विकेटकीपर उन्होंने 256 कैच लिए हैं और 38 स्टम्प आउट भी किया है। इसके साथ-साथ 98 इंटरनेशनल T20 मैचों में माही ने 1617 रन बनाए हैं। वहीं 350 अंतर्राष्ट्रीय वनडे मैचों में महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने 10773 रन बनाएं हैं। इस दौरान उन्होंने 10 शतक और 73 अर्धशतक भी जुड़े। वहीं विकेट के पीछे खड़े होकर 321 कैच लिए और 130 स्टंपस भी किए हैं।

 

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