तनाव से हर व्यक्ति जूझता है.यह हमारे मन से संबंधित रोग होता है.हमारी मनोस्थिति और बाहरी परिस्थिति के बीच असंतुलन और सामंजस्य न बनने के कारण तनाव उत्पन्न होता है. तनाव के कारण व्यक्ति में कई मनोविकार पैदा होते हैं. वह हमेशा अशांत और अस्थिर रहता है. तनाव एक द्वन्द की तरह है जो व्यक्ति के मन और भावनाओं में सहजता पैदा करता है.
तनाव से ग्रस्त व्यक्ति कभी भी किसी भी काम में एकाग्र नहीं हो पाता है, जिससे उसकी कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. सामान्य दिनचर्या में थोड़ी मात्रा में तनाव होना परेशान होने की बात नहीं क्योंकि इतना तनाव सामान्य व्यक्तित्व के विकास के आवश्यक होता है लेकिन यह अगर हमारे भावनात्मक और शारीरिक जीवन का हिस्सा बन जाए तो खतरनाक साबित हो सकता है.
क्यों डिप्रेशन और एंजायटी
आजकल के समस्याओं के कारण मनुष्य मानसिक बीमारियों का शिकार बनते जा रहा है. के कारण जो दिक्कतें पैदा होती है वह आपको अपना जीवन सामान्य रूप से व्यतीत करने से रोक सकता है.जो लोग एनजाइटी से ग्रस्त होते हैं उन्हें, निरंतर चिंता और भय रहता है, वे अक्षम हो सकते हैं लेकिन सही उपचार के साथ बहुत से लोग उन भावनाओं को प्रबंधित कर सकते हैं और अपना जीवन सामान्य रूप से जी सकते हैं.
डिप्रेशन और एंग्जाइटी से पाए जानें वाले लक्षण
जैसा कि सभी जानते हैं, कि डिप्रेशन में लोग हमेशा चिंता ग्रस्त रहते हैं. इसके अलावा और भी लक्षण होते हैं,अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति हमेशा उदास रहता है. व्यक्ति हमेशा स्वयं उलझन में हारा हुआ महसूस करता है. अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी हो जाती है.
किसी भी कार्य में ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है तथा आत्मविश्वास की कमी हो जाती है,और ऐसे रोगी खुद को परिवार एवं भीड़ वाली जगहों से अलग रहने की कोशिश करता है.वह जाति से अकेले रहना पसंद करता है. खुशी के वातावरण में या खुशी देने वाली चीजों के होने पर भी व्यक्ति उदास रहता है तथा रोगी हमेशा चिड़चिड़ा रहता है और बहुत कम बोलता है.
ऐसे रोगी भीतर से हमेशा बेचैन प्रतीत होते हैं तथा हमेशा चिंता में डूबे हुए दिखाई देते हैं.या कोई भी निर्णय लेने पर स्वयं को असमर्थ पाते हैं तथा हमेशा भ्रम की स्थिति में रहते हैं ऐसे रोगी स्वस्थ भोजन की ओर ज्यादा उत्सुक होते हैं.
एंग्जाइटी से ऐसे पाएं छुटकारा
एंजायटी को दूर करने के लिए सबसे पहले हमें तनाव को दूर करना चाहिए. तनाव दूर करने से चिंता अपने आप कम हो जाती है. खाने में हमेशा पौष्टिक आहार ले जैसे हरी सब्जियां, फल,घर बना खाना खाएं जिससे शरीर और मानसिक स्थिति स्वस्थ रहती है. और चिंता कम होती है.
सभी कामों का हिसाब रखना चाहिए. जिससे दिमाग में तनाव उत्पन्न नहीं होगा.और चिंता भी नहीं होगी.तंबाकू,शराब,ड्रग्स को तनाव कम करने के लिए इस्तेमाल करते हैं, किंतु यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. नशे के स्थान पर आप कुछ फलों के रस पीये जो आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.
ऐसे काम करता है दिमाग
मस्तिष्क में याद रखने की प्रक्रिया 3-step में होती है. सूचना को रजिस्टर दर्ज ,संग्रहित स्टोर और याद रिकॉर्ड करना. इसमें कहीं बड़ी गड़बड़ी होने पर याददाश्त की समस्या होती है. विचारों में खोए रहने से याद नहीं रहता है, जैसे कोई बच्चा शरीर से कक्षा में और दिमाग से कक्षा से बाहर है,तो टीचर की बातें याद नहीं रहेगी क्योंकि बातें ना तो रजिस्टर और ना ही स्टोर हुए हैं.