भारत की घटती अर्थव्यवस्था ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. एक तरफ बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. वहीं दूसरी तरफ महंगाई से आम आदमी परेशान है. ऐसे में वाहन निर्माता कंपनियों के लिए साल 2020 काफी परेशानी से गुजर रहा है. वाहन पर भारी डिस्काउंट और कम ईएमआई के बावजूद कंपनी ग्राहकों को आकर्षित नहीं कर पा रही है, लेकिन बैंकों ने कुछ सुधार के संकेत देते हुए वाहनों पर मिलने वाले लोन की ब्याज दर की कटौती. जिसका सीधा असर प्रत्येक माह जाने वाली ईएमआई पर पड़ेगा.
कौन सा बैंक कितने घटाएं ब्याज दर
जानते हैं कौन सा बैंक कितने घटाएं ब्याज दर देश की ज्यादातर बैंक ग्राहकों की सुविधा के लिए लोन की ब्याज दर को कम कर रहे हैं. जिसमें हाल ही में सरकारी बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया कटौती से होम या ऑटो लोन लेने वाले ग्राहकों पर ईएमआई का बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा. बता दे सेंट्रल बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट आफ फंड बेस्ड लीडिंग रेट्स 0.05प्रतिशत की कटौती कर दी है जो 15 सितंबर से लागू हो गई है.
इंडियन ओवरसीज बैंक की ब्याज दर
इसके पहले बीते सप्ताह यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में ब्याज दर में इंडियन ओवरसीज बैंक ने 0.10 प्रतिशत और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी 0.10 प्रतिशत एमसीएलआर में कटौती की थी.जानकारी के लिए बता दें, मर्जील कास्ट आफ फंड्स बेस्ट वेडिंग रेट्स एमसीएलआर भारतीय रिजर्व बैंक का एक रेटिंग सिस्टम है, जिससे कमर्शियल बैंक द्वारा लोन ब्याज दर तय करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इस रेटिंग सिस्टम की शुरूआत अप्रैल 2016 में आरबीआई ने ब्याज दर तय करने के लिए शुरू की थी. जिसके चलते लोगों का बैंकों से लोन लेना आसान हो गया है.
1 अगस्त से लागू ब्याज दर
अगर आप नई कार या बाइक स्कूटी खरीदने की सोच रहे हैं, तो जल्द ही आई नई स्कीम के तहत व्हीकल इंश्योरेंस के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है. इंश्योरेंस रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने लॉन्ग टर्म मोटर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पैकेज को वापस ले लिया है अब गाड़ी खरीदते समय कार लेने के लिए 3 साल और दो पहिया वाहन के लिए 5 4 कवर लेना जरूरी नहीं है बदलाव 1 अगस्त से लागू हो गया है