Idols-Of-Maa-Durga-Made-From-Brothel-Soil-The-Story-Of-An-Extraordinary-Tradition

Maa Durga:भारत के जीवंत त्योहारों के केंद्र में एक आकर्षक परंपरा है जो आध्यात्मिकता और सामाजिक कहानियों को जोड़ती है। वेश्यालय की मिट्टी से मां दुर्गा (Maa Durga) की मूर्तियों का निर्माण। यह अनूठी प्रथा केवल दिव्य स्त्रीत्व का सम्मान नहीं करती, बल्कि समाज के नियमों को चुनौती देती है और हाशिए पर मौजूद समुदायों की मजबूती को उजागर करती है। इस दिलचस्प कहानी में प्रवेश करते हुए, हम इन शानदार मूर्तियों के पीछे के गहरे प्रतीकात्मकता और सांस्कृतिक महत्व को खोजेंगे, यह दर्शाते हुए कि कैसे ये मूर्तियाँ अक्सर कलंकित स्थान को श्रद्धा और आशा का स्रोत बना देती हैं।

Maa Durga की प्रतिमाओं का अद्भुत निर्माण

जिन वेश्या से नफरत करता है समाज, उन्हीं के पैसों से मां दुर्गा की बनाई जाती है मूर्ति, अद्भुत परंपरा जानकर रह जाएंगे दंग 
Maa Durga

दशहरा के समीप आते ही देशभर में मां दुर्गा (Maa Durga) की प्रतिमाओं का निर्माण जोरों पर है। कलाकार अपनी कला का जादू दिखा रहे हैं, हर मूर्ति में देवी की शक्ति और सौंदर्य को जीवंत किया जा रहा है। स्थानीय समुदाय भी इस प्रक्रिया में सक्रिय भाग ले रहा है, मिलकर पूजा की तैयारियों में जुटा है। यह पर्व एकता और भक्ति का प्रतीक बनकर सभी को नई ऊर्जा और उत्साह के साथ जोड़ता है।इस दौरान, स्थानीय समुदाय भी सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं, जो न केवल मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं, बल्कि पूजा की तैयारियों में भी जुटे हुए हैं।

यह समय एकता और भक्ति का प्रतीक है, जहां लोग मिलकर इस महान पर्व का जश्न मनाते हैं। मां दुर्गा (Maa Durga) की प्रतिमाओं की इस महाकला के माध्यम से, सभी एक नई ऊर्जा और उत्साह के साथ इस त्योहार का स्वागत करने के लिए तैयार हैं।

मां दुर्गा की प्रतिमा में वेश्यालय की मिट्टी

जिन वेश्या से नफरत करता है समाज, उन्हीं के पैसों से मां दुर्गा की बनाई जाती है मूर्ति, अद्भुत परंपरा जानकर रह जाएंगे दंग 
Maa Durga

मां दुर्गा (Maa Durga) की प्रतिमा में वेश्यालय की मिट्टी का इस्तेमाल एक विशेष परंपरा है। मान्यता है कि इस मिट्टी के बिना मूर्ति अधूरी रहती है। यह प्रथा न केवल देवी के प्रति श्रद्धा को दर्शाती है, बल्कि समाज के हाशिए पर मौजूद वर्गों की गरिमा को भी सम्मानित करती है। वेश्यालय की मिट्टी से बनी मूर्तियाँ एक गहरा प्रतीक प्रस्तुत करती हैं, जो समाज में स्नेह और सहानुभूति का संदेश देती हैं।

वेश्याओं की मिट्टी का महत्व

जिन वेश्या से नफरत करता है समाज, उन्हीं के पैसों से मां दुर्गा की बनाई जाती है मूर्ति, अद्भुत परंपरा जानकर रह जाएंगे दंग 
Maa Durga

कहा जाता है कि मां दुर्गा(Maa Durga) की प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार विशेष रूप से वेश्यालयों में जाकर वेश्याओं से भीख में मिट्टी मांगते हैं। यह परंपरा बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि माना जाता है कि वेश्यालय के आंगन की मिट्टी देवी की मूर्ति के लिए आवश्यक है।एक मूर्तिकार तब तक भीख मांगता है जब तक उसे यह मिट्टी नहीं मिल जाती, जिससे यह प्रक्रिया एक गहरे संबंध और सम्मान का प्रतीक बन जाती है। इस कार्य के माध्यम से न केवल देवी की पूजा होती है, बल्कि वेश्याओं की मेहनत और अस्तित्व को भी मान्यता मिलती है। इस प्रकार, मूर्तिकार अपनी कला के माध्यम से समाज के उन वर्गों को जोड़ते हैं, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। यह परंपरा भक्ति, सहानुभूति और एकता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करती है।

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Kamakhya Reley is a journalist with 3 years of experience covering politics, entertainment, and sports. She is currently writes for HindNow website, delivering sharp and engaging stories that connect with...