Virat Kohli Was A Big Fan Of Ratna Tata! He Bought This Amazing Car In 2003 Because Of Him

Virat Kohli: भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli) अपनी गाड़ियों के शौक के लिए मशहूर हैं। उनके पास कई महंगी और लग्जरी कारें हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी पहली कार टाटा कंपनी की थी? विराट कोहली ने साल 2008 में टाटा सफारी खरीदी थी और इसके पीछे की वजह कोई और नहीं बल्कि रतन टाटा (Ratan Tata) थे। कोहली हमेशा से टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के काम और उनके व्यक्तित्व से बेहद प्रभावित रहे हैं..

रतन टाटा के विजन से हैं प्रभावित

विराट कोहली (Virat Kohli) अपने करियर की शुरुआत से ही रतन टाटा को एक आदर्श और प्रेरणास्रोत मानते आए हैं। टाटा समूह की सादगी, मूल्यों और समाज के प्रति उनके योगदान ने कोहली को हमेशा प्रभावित किया।

यही वजह थी कि जब विराट कोहली (Virat Kohli) ने अपने क्रिकेट करियर में शुरुआती सफलता हासिल की, तो उन्होंने पहली कार टाटा सफारी खरीदी। यह कार उस समय भारत में सुविधा, स्टाइल और दमदार परफॉर्मेंस का प्रतीक मानी जाती थी।

Virat Kohli का कारों के प्रति प्रेम

Virat Kohli

आज विराट कोहली (Virat Kohli) के पास ऑडी, बेंटले, रोल्स-रॉयस और लेम्बोर्गिनी जैसी कई लग्जरी कारें हैं। वे ऑडी इंडिया के ब्रांड एंबेसडर भी रह चुके हैं। लेकिन जब वे दिल्ली के उभरते हुए क्रिकेटर थे, तब उनके पास कोई कार नहीं थी।

2008 में जब विराट कोहली (Virat Kohli) आईपीएल (IPL) में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) से पहला कॉन्ट्रैक्ट मिला, तब उन्होंने अपनी पहली कार के रूप में टाटा सफारी खरीदी थी। इस कार को खरीदने के साथ ही कोहली का जो प्यार टाटा को लेकर शुरु हुआ, वो अभी तक बना हुआ है।

हालांकि अब विराट कोहली (Virat Kohli) के पास दुनिया की सबसे महंगी और लग्जरी कारों का कलेक्शन है, लेकिन वे टाटा ब्रांड और रतन टाटा के प्रति अब भी गहरी सम्मानभावना रखते हैं। वे कई बार टाटा मोटर्स और टाटा ग्रुप की सोशल इनिशिएटिव्स की सराहना करते दिखे हैं।

रतन टाटा और विराट कोहली – दो प्रेरणास्त्रोत

विराट कोहली (Virat Kohli)  क्रिकेट की दुनिया के ‘किंग’ हैं, वहीं रतन टाटा भारत के सबसे प्रतिष्ठित बिजनेस आइकन। दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में प्रेरणा के स्रोत हैं। कोहली का टाटा ब्रांड के प्रति प्यार यह दर्शाता है कि वे सिर्फ महंगी चीजों के शौकिन नहीं, बल्कि गुणवत्ता और मूल्यों को भी महत्व देते हैं।