Gokarna Cave: कर्नाटक के गोकर्ण (Gokarna Cave) के पहाड़ी इलाके में एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जहाँ एक रूसी महिला अपनी दो नाबालिग बेटियों के साथ एक दुर्गम पहाड़ी पर स्थित एक खतरनाक गुफा (Gokarna Cave) में रह रही थी। मामला तब सुर्ख़ियों में आया जब पुलिस ने पर्यटन क्षेत्र में नियमित गश्त के दौरान जंगल के अंदर हलचल देखी और जांच के लिए पहुंची। एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी और बताया कि रूसी महिला आध्यात्मिक शांति की तलाश में वहां रह रही थी।
कर्नाटक के गोकर्ण में गुफा से मिली रुसी महिला
पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला की पहचान 40 वर्षीय नीना कुटीना उर्फ मोही के रूप में हुई है। वह रूस से बिजनेस वीजा पर भारत आई थी। वह हिंदू धर्म और भारत की आध्यात्मिक परंपराओं से बहुत प्रभावित थी। इसलिए वह गोवा होते हुए पवित्र तटीय शहर गोकर्ण पहुंची। महिला की काउंसलिंग के बाद पुलिस ने उसे और दोनों लड़कियों को गुफा (Gokarna Cave) से सुरक्षित बाहर निकाला है। इसके बाद उनके अनुरोध पर उन्हें कुमता तालुका के बांकीकोडला गांव स्थित एक आश्रम में स्थानांतरित कर दिया। जहां 80 वर्षीय साध्वी स्वामी योगरत्न सरस्वती आश्रम चलाती है।
2017 से भारत में रह रही रुसी महिला
उत्तर कन्नड़ के एसपी एम नारायण ने बताया कि महिला का वीज़ा 2017 में ही समाप्त हो गया था। वह बिज़नेस वीज़ा पर भारत आई थी और गोवा होते हुए नेपाल गई। इसके बाद 8 सितंबर 2018 को फिर से भारत लौट आई। तब से वह भारत में रह रही है। लेकिन वीज़ा की अवधि समाप्त हो गई है। वह कहती है कि वह भारतीय संस्कृति और अध्यात्म से बहुत प्रभावित है और यहाँ ध्यान के लिए आई थी।
पुलिस ने महिला और बच्चों को आश्रम में भेजा
पुलिस ने नीना और उसके बच्चों को गोकर्ण (Gokarna Cave) में एक साध्वी द्वारा संचालित आश्रम में रखा है। उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था कर दी गई है। पुलिस अधिकारी नारायण ने कहा, “हमने एक साध्वी द्वारा संचालित आश्रम में उनके रहने की व्यवस्था कर दी है। हमने उन्हें गोकर्ण से बेंगलुरु ले जाकर प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।” एक स्थानीय एनजीओ की मदद से रूसी दूतावास से संपर्क किया गया और उन्हें प्रत्यर्पित करने की औपचारिकताएँ शुरू कर दी गईं।
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