Manchester Test: भारत और इंग्लैंड के बीच चल रहे मैनचेस्टर टेस्ट (Manchester Test) के दौरान भारतीय टीम के भीतर टेंशन का माहौल बन गया है। सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कप्तान शुभमन गिल और टीम के हेड कोच गौतम गंभीर के बीच ड्रेसिंग रूम में रणनीति को लेकर तीखी बहस हो गई। यह विवाद वॉशिंगटन सुंदर को 68 ओवर तक गेंद न देने के फैसले के बाद शुरू हुआ, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
गलत योजना पड़ी टीम को भारी

गौरतलब है कि मैनचेस्टर टेस्ट (Manchester Test) के दूसरे दिन इंग्लैंड की टीम ने बिना किसी परेशानी के भारतीय गेंदबाज़ों की बखिया उधेड़ दी। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और डेब्यूटेंट अंशुल काम्बोज की गेंदबाज़ी बेअसर रही, और इंग्लैंड ने पहले तो लंच तक 77 रन बिना विकेट खोए बना लिए, फिर स्कोर को 332/2 तक पहुंचा दिया। इस दौरान एकमात्र अतिरिक्त स्पिन विकल्प वॉशिंगटन सुंदर को कप्तान ने गेंद थमाने की ज़रूरत नहीं समझी, जबकि रविंद्र जडेजा को भी बहुत सीमित स्पेल मिले।
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कप्तान के फैसले पर शुरू हुआ विवाद
वॉशिंगटन सुंदर को गेंदबाजी नहीं देना विवाद का कारण बनी। संजय मांजरेकर ने भी कमेंट्री के दौरान कहा कि गलती पूरी तरह कप्तान की नहीं, बल्कि कोच गौतम गंभीर की भी है। मांजरेकर ने कहा कि एक युवा कप्तान से गलती हो सकती है, लेकिन कोच का काम होता है कि वह सही समय पर हस्तक्षेप करे।
वॉशिंगटन सुंदर ने साबित किया फैसले को गलत
तीसरे दिन लंच से ठीक पहले जब सुंदर को गेंद दी गई, तो उन्होंने तुरंत दो विकेट निकालकर कप्तान के फैसले को गलत साबित कर दिया। उन्होंने पहले ओली पोप को स्लिप में कैच कराया और फिर हैरी ब्रूक को स्टंप करवाकर भारतीय खेमे में जान फूंकी। इस प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया पर भी शुभमन गिल की कप्तानी की आलोचना होने लगी, वहीं गंभीर की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। हालांकि, अब टीम के अंदर का यह विवाद भारत की टेस्ट रणनीति और कप्तान-कोच के तालमेल पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
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