असम सरकार के मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने एक बड़ा बयान दिया है, ‘ उनका कहना है कि हमारी सरकार नवंबर से असम में संचालित सरकारी मदरसों को बंद कर देंगे। इसको लेकर सरकार एक नोटिफिकेशन जारी करेगी।
मंत्री जी यही नहीं रुके उन्होंने ने कहा कि सरकार सार्वजनिक धन का इस्तेमाल धार्मिक शास्त्र पढ़ाने के लिए नहीं कर सकती है।
विपक्ष ने कहा सत्ता में आने पर खोलेगी मदरसा
मंत्री के इस ऐलान के बाद ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा, ‘अगर बीजेपी सरकार ने मदरसों को बंद कर दिया तो उनकी पार्टी अगले साल विधानसभा चुनाव जीतकर सत्ता में आने के बाद फिर से उन्हें खोल देगी।’
इसके पहले ये किया था घोषणा
इससे पहले फरवरी में हेमंत ने घोषणा की थी कि सरकार सिर्फ राज्य सरकार के संचालित सरकारी मदरसों को बंद करने की तैयारी कर रही है बल्कि सरकारी संस्कृत स्कूल भी बंद किए जाएंगे। बाद में उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि धर्मनिरपेक्ष देश में किसी भी धार्मिक शिक्षा के लिए सरकारी फंड नहीं खर्च किया जा सकता।
नोटिफिकेशन जल्द होगा जारी
गुवाहाटी में मीडिया से बात करते हुए सरमा ने कहा, ‘एक निर्णय लिया है कि हम नवंबर माह से सरकारी मदरसों को बंद करेंगे। उसका नोटिफिकेशन अभी तैयारी के स्तर पर है। अधिसूचना तैयार होने के बाद हम इसके बारे में आपको जानकारी देंगे।
इतने है मदरसे
असम में 614 सरकारी मदरसे और लगभग 900 निजी मदरसे हैं, जिनमें से लगभग सभी जमीयत उलामा द्वारा संचालित हैं, जबकि लगभग 100 सरकारी संस्कृत और 500 से अधिक निजी स्कूल हैं। सरकार राज्य में मदरसों पर लगभग 3 से लेकर 4 करोड़ रुपये और संस्कृत स्कूल पर लगभग 1 करोड़ रुपये सालाना खर्च करती है।