Indian Players : तीन भारतीय खिलाड़ियों (Indian Players) का दुर्भाग्य ही रहा कि उनके करियर का अंत उनके पदार्पण के तुरंत बाद ही हो गया। इन तीनों Indian Players ने करियर की शुरुआत तो अच्छी की , लेकिन इसके बाद मौके के लिए तरस गए। टीम प्रबंधन का ध्यान नई प्रतिभाओं को आजमाने पर केंद्रित होने के कारण, ये खिलाड़ी पीछे छूट गए। नतीजतन, उनका करियर शुरु होते ही खत्म हो गया। आइये जानते हैं कौन हैं ये 3 खिलाड़ी……………
1. परवेज रसूल
ऑफ-स्पिनिंग ऑलराउंडर परवेज कश्मीर घाटी से आते हैं। रसूल ने 2012-13 की रणजी ट्रॉफी में जम्मू-कश्मीर के लिए शानदार प्रदर्शन किया और सीज़न का अंत टीम के शीर्ष स्कोरर और सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ के रूप में किया।
अपने सात रणजी मैचों में, रसूल ने दो शतकों के साथ 54 की औसत से 594 रन बनाए और 18.09 की औसत से 33 विकेट लिए और टूर्नामेंट में स्पिनरों में तीसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ रहे। रसूल ने भारत के लिए केवल 1 वनडे और 1 टी-20 मैच खेला।
वनडे में उन्होंने 15 जून 2014 को बांग्लादेश के खिलाफ डेब्यू किया, जबकि जनवरी 2017 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया। वनडे में उन्होंने 2 और टी-20 में 1 विकेट लिया। इसके बाद उन्हें मौका नहीं मिला।
2. पंकज धर्माणी
पंकज धर्माणी एक प्रतिभाशाली विकेटकीपर थे जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में पंजाब का प्रतिनिधित्व किया था। उन्हें भारत के लिए खेलने का एकमात्र मौका 1996 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे अंतरराष्ट्रीय में मिला था। यह मैच इनका पहला और आखिरी साबित हुआ।
उन्होंने इससे पहले 1992-93 में महाराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्रॉफी फाइनल में पंजाब के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था। समय के साथ, वह घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी बन गए।
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3. डोडा गणेश
डोडा गणेश भी उन दुर्भाग्यशाली खिलाड़ियों में से हैं, जिन्होंने वनडे में डेब्यू किया और फिर उसके बाद वह टीम से बाहर ही रहे, हालांकि टेस्ट में जरूर उन्होंने 4 मैच खेले। गणेश ने 1996-97 में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ अपना एकमात्र वनडे मैच खेला था।
अपने डेब्यू वनडे में उन्होंने पाँच ओवरों में 20 रन देकर एक विकेट लिया। उन्होंने चार टेस्ट मैच (दक्षिण अफ्रीका और वेस्ट इंडीज़ में) खेले और 57.40 की औसत से पाँच विकेट लिए। बाद में उन्होंने अपने गेंदबाजी एक्शन में सुधार किया, लेकिन राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने में नाकाम रहे।
इन तीनों Indian Players की किस्मत रही खराब
ये तीनों Indian Players इस बात की मिसाल हैं कि कैसे सिर्फ़ प्रतिभा ही सर्वोच्च स्तर पर काफ़ी नहीं होती। किस्मत भी बहुत कुछ होती है, साथ ही असमय चोटों ने उनके सपनों को तोड़ दिया। उनकी कहानियाँ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अनदेखे चेहरे को उजागर करती हैं।
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