Coca-cola: प्रसिद्ध लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) के चांसलर अशोक कुमार मित्तल ने बड़ा फैसला लेते हुए विश्वविद्यालय परिसर में अमेरिकी कंपनियों के पेय पदार्थ जैसे कोका-कोला (Coca-cola)आदि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. उक्त कदम भारत द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद उत्पन्न विवाद को देखते हुए उठाया गया है.
यूनिवर्सिटी के चांसलर ने क्या कहा?
𝐖𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐟 146 crore Indians boycott American companies operating in India?
My open letter to @realDonaldTrump on US’s 50% tariffs for India, in which I 𝐮𝐫𝐠𝐞 him to “choose dialogue over discord, coordination over coercion.”
Jai Hind! pic.twitter.com/rQJXv8yhiY
— Ashok Kumar Mittal (@DrAshokKMittal) August 7, 2025
विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि अब परिसर में छात्रों और कर्मचारियों को केवल स्वदेशी पेय पदार्थ ही उपलब्ध कराए जाएंगे. चांसलर अशोक कुमार मित्तल ने 7 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को लिखे पत्र में टैरिफ वृद्धि को “अन्यायपूर्ण और विघटनकारी” बताया था.
अपने पत्र में, उन्होंने ट्रंप से इस फ़ैसले को पलटने और बातचीत के सिद्धांतों पर लौटने का आग्रह किया. मित्तल ने सरकास्टिक लहजे में पूछा, “क्या होगा अगर 1.46 अरब भारतीय अमेरिकी व्यवसायों कोका-कोला (Coca-cola) पर रणनीतिक प्रतिबंध लगा दें?”
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भारत-अमेरिका कारोबार में बढ़ा तनाव

मित्तल का यह कदम ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ दोगुना करने का निर्णय आधिकारिक रूप से लागू हो गया है, जिससे दोनों रणनीतिक साझेदारों के बीच आर्थिक तनाव बढ़ गया है. भारत ने व्यापार पर अपनी सीमाएँ स्पष्ट कर दी हैं. उसे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी होगी और रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखनी होगी, खासकर रूस से ऊर्जा आयात जैसे क्षेत्रों में.
India का जवाब और आर्थिक सुधार
ट्रम्प प्रशासन ने रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद को लक्ष्य बनाया है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से भारत की ऊर्जा सुरक्षा प्रभावित हो सकती है. 2024 में भारत का अमेरिका को निर्यात 87.4 अरब डॉलर का था, जो उसके कुल सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 2% था. फिर भी, अमेरिकी टैरिफ से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले क्षेत्र श्रम-प्रधान उद्योग हैं, जैसे कपड़ा, रत्न और आभूषण, और ऑटो पार्ट्स.
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य होने के बावजूद, निर्यात भारत के सकल घरेलू उत्पाद का केवल 2% ही है। इसके बजाय, भारत की वृद्धि मुख्य रूप से घरेलू खपत से संचालित होती है, जो अर्थव्यवस्था का लगभग 60% हिस्सा है।