Test Match: टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे मुकाबले हुए हैं, जिन्होंने आने वाली पीढ़ियों तक अपनी छाप छोड़ी। लेकिन एक ऐसा मैच (Test Match) भी हुआ, जो खेल के इतिहास में “सबसे बड़ी पारी” और “सबसे करारी हार” के लिए हमेशा याद किया जाएगा। इस टेस्ट में एक टीम ने 900 से ज्यादा रन ठोक दिए, जबकि दूसरी टीम दो बार मिलाकर भी उसके करीब नहीं पहुंच पाई। गेंदबाजों की हालत ऐसी थी कि रन बरसते ही जा रहे थे मानो हर गेंद चौके या छक्के में तब्दील हो रही हो। तो आइए जानते है इस मैच के बारे में विस्तार से….
Test Match की एक पारी में अंग्रेजों ने जड़ दिए 903 रन

टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में कई यादगार मैच हुए हैं, लेकिन 1938 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया मुकाबला आज भी क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। यह वही टेस्ट मैच (Test Match) था, जिसमें इंग्लैंड ने एक पारी में 903 रन ठोककर क्रिकेट इतिहास का अभूतपूर्व रिकॉर्ड बनाया था। यह मुकाबला लंदन के द ओवल (The Oval) मैदान पर 20 से 24 अगस्त 1938 तक खेला गया था और इस मैच में ऑस्ट्रेलिया को ऐसी हार मिली थी कि सच में “नानी याद आ गई”।
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इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने किया धमाकेदार प्रदर्शन
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई इस सीरीज का यह पांचवां टेस्ट (Test Match) था और इंग्लैंड पहले से ही शानदार लय में थी। कप्तान वॉली हैमंड के नेतृत्व में उतरी इंग्लिश टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और वही फैसला मैच का रुख तय कर गया। इंग्लिश बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की जमकर खबर ली। पारी की शुरुआत ही धमाकेदार रही। सलामी बल्लेबाज लेन हटन ने करियर की सबसे यादगार और ऐतिहासिक पारी खेलते हुए 364 रन ठोके, जो उस समय टेस्ट क्रिकेट में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर था।
कुछ ऐसा रहा मैच का हाल
हटन की यह पारी इतनी शानदार थी कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के हर गेंदबाज को मैदान के चारों ओर दौड़ाया। मॉरिस लेलेन्ड ने 187 रन, जबकि जो हार्डस्टाफ जूनियर ने 169 रनों की पारी खेली। इंग्लैंड ने 903/7 पर अपनी पहली पारी घोषित कर दी यानी लगभग पूरा स्कोरबोर्ड ही रन से भर गया।
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की हालत खराब थी। बिल ओ’रेली और Frank Ward जैसे नामी स्पिनर तक इंग्लिश बल्लेबाजों के सामने बेबस नजर आए। ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम का मनोबल टूट चुका था। जब ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाजी करने उतरा तो इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने किसी तरह की दया नहीं दिखाई। पहली पारी में कंगारू टीम 201 रन पर ऑलआउट हो गई। इंग्लैंड ने उन्हें फॉलो-ऑन दिया और दूसरी पारी में भी ऑस्ट्रेलिया की हालत और खराब हो गई। दूसरी पारी में पूरी टीम सिर्फ 123 रन बनाकर ढेर हो गई। इस तरह इंग्लैंड ने मुकाबला एक पारी और 579 रनों से जीत लिया, यह टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी जीतों में से एक थी।
Revenge of the Ashes के नाम से मशहूर ये मैच
यह मुकाबला क्रिकेट की किताबों में इसलिए दर्ज हुआ क्योंकि इंग्लैंड ने न सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ा बल्कि ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। हटन का 364 रन का रिकॉर्ड लगभग 20 साल तक कायम रहा, जब तक कि 1958 में वेस्टइंडीज़ के गैरी सोबर्स (Garfield Sobers) ने 365 रन बनाकर इसे तोड़ा नहीं।
इस मैच (Test Match) को कई लोग “Revenge of the Ashes” भी कहते हैं, क्योंकि पिछले एशेज़ में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को करारी शिकस्त दी थी। लेकिन 1938 के इस मैच में इंग्लैंड ने बदला लेते हुए ऐसा प्रहार किया जिसे ऑस्ट्रेलिया लंबे समय तक भूल नहीं पाया।
आज 80 से ज्यादा साल बाद भी जब टेस्ट क्रिकेट के ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स की बात आती है, तो यह मैच शीर्ष पर रहता है। इंग्लैंड का 903 रन का स्कोर आज भी टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी पारियों में गिना जाता है। यह मुकाबला इस बात का प्रतीक है कि टेस्ट क्रिकेट सिर्फ धैर्य और तकनीक का नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता का भी खेल है।
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