Test Match: क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे टेस्ट मैच (Test Match) हुए हैं, जिन्होंने इस खेल को नई दिशा दी। लेकिन एक मुकाबला ऐसा भी हुआ, जिसे देखकर क्रिकेट प्रेमी आज भी हैरान रह जाते हैं। यह वह मैच था, जब कंगारू टीम ने बल्ले से ऐसा तूफान मचाया कि गेंदबाजों की हालत खराब हो गई। टेस्ट जैसी गंभीर पारी में एक टीम ने 1107 रन ठोक डाले।
यह कोई आम रिकॉर्ड नहीं था, बल्कि क्रिकेट के 150 से अधिक वर्षों के इतिहास में सबसे बड़ा टीम स्कोर बन गया। इस ऐतिहासिक पारी में बल्लेबाजों ने गेंदों की धज्जियां उड़ाते हुए चौकों- छक्कों की झड़ी लगा दी थी। तो आइए जानते है इस मैच के बारे में विस्तार से……
Test Match में कंगारू बल्लेबाजों का आया तूफान

दरअसल हम जिस टेस्ट मैच (Test Match) की बात कर रहे है, यह मुकाबला 1926 में शेफील्ड शील्ड सीजन में खेला गया था, जहां विक्टोरिया की टीम ने न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ यह कारनामा किया था। यह मैच फर्स्ट क्लास क्रिकेट इतिहास का हिस्सा था, लेकिन स्कोर इतना बड़ा था कि टेस्ट क्रिकेट के कई रिकॉर्ड्स ध्वस्त हो गए 1107 रन बनाकर विक्टोरिया ने ऐसी दीवार खड़ी कर दी जिसे तोड़ना नामुमकिन था।
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टॉप-4 बल्लेबाजों ने जड़ा शतक, दोहरा शतक और तिहरा शतक
इस ऐतिहासिक पारी की शुरुआत बेहद तूफानी तरीके से हुई थी। सलामी बल्लेबाजों ने मैदान पर आते ही रन बरसाने शुरू कर दिए। पहले विकेट की पार्टनरशिप ने विपक्षी टीम के गेंदबाजों के आत्मविश्वास को हिला कर रख दिया था। पहला बल्लेबाज 133 रन बनाकर आउट हुआ, लेकिन दूसरे बल्लेबाज ने जो किया, वो आज भी क्रिकेट इतिहास की किताबों में दर्ज है, उन्होंने 352 रनों की शानदार तिहरी शतकीय पारी खेली। इस पारी में मानो चौकों- छक्कों की बारिश होती रही और गेंदबाजों को मानो समझ ही नहीं आया कि गेंद फेंके तो कहां फेंके।
तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए बल्लेबाज ने भी जिम्मेदारी निभाते हुए 100 रन शानदार पारी खेली। वहीं चौथे नंबर के बल्लेबाज ने 295 रनों की पारी खेलकर इतिहास रच दिया। यानी टीम के टॉप-4 बल्लेबाजों ने मिलकर लगभग 900 रन बना डाले। इतनी शानदार बल्लेबाजी के बाद स्टेडियम में मौजूद दर्शक भी खड़े होकर तालियाँ बजाने लगे। क्रिकेट के इतिहास में यह नज़ारा शायद ही फिर कभी देखने को मिला हो, जब गेंदबाज पूरी तरह बेबस नज़र आए और हर ओर सिर्फ बाउंड्री की गूंज सुनाई दे रही थी।
गेंदबाजों ने टेके घुटने
इस मैच में (Test Match) विरोधी टीम के गेंदबाजों की हालत इतनी खराब हो गई थी कि कप्तान ने सात अलग-अलग गेंदबाज आजमाए, मगर कोई भी गेंदबाज विक्टोरिया के बल्लेबाजों को रोक नहीं पाया। रन इतने तेज़ी से बन रहे थे कि स्कोरबोर्ड अपडेट करने वाले कर्मियों को भी सांस लेने का मौका नहीं मिला।
मैच में लगातार चौकों और छक्कों की बारिश होती रही। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई ओवर ऐसे थे जिनमें बल्लेबाजों ने लगातार छह-छह छक्के ठोक दिए।
विक्टोरिया ने अपने नाम किया मैच
जब न्यू साउथ वेल्स बल्लेबाजी करने उतरी, तो दबाव इतना ज्यादा था कि पूरी टीम पहली पारी में 221 और दूसरी में सिर्फ 230 रन पर ढेर हो गई। परिणामस्वरूप, यह मैच विक्टोरिया की टीम ने एक पारी (Test Match) और 656 रन से जीत लिया। यह जीत क्रिकेट के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी जीतों में से एक है।
1107 रन का यह रिकॉर्ड आज तक फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अटूट बना हुआ है। लगभग एक सदी गुजर चुकी है, लेकिन कोई टीम इसे पार नहीं कर सकी। यह मुकाबला इस बात की गवाही देता है कि जब बल्लेबाज लय में हों, तो क्रिकेट में कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
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