अगर मन में कुछ करने गुजरने का इरादा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। अपने लक्ष्य को पाने के लिए दृढ़ निश्चय हो तो सारी कायनात उसका साथ देने में जुट जाती है। इस दौरान कितनी भी मुश्किलों सामने आए, लेकिन ऐसे लोग अपने लक्ष्य से कभी विचलत नहीं होते हैं। आज आपको एक ऐसी ही महिला के संघर्ष के बारे में बताने जा रहे हैं।
महिला की संघर्ष और हिम्मत की कहानी
सोशल मीडिया पर एक महिला की संघर्ष और हिम्मत की कहानी वायरल हो रही है। यह कहानी पुलिस सब–इंस्पेक्टर पद्मशीला तिरपुडे की है। पत्थर के सिलबट्टे बनाकर बेचने वाली पद्मशील ने मेहनत और लगन से MPAC में पास कर पुलिस उपनिरीक्षक बनीं। सभी लोग इस सब इंस्पेक्टर की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
दीपांशु काबरा ने भी पद्मशीला की तस्वीर शेयर की
आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा ने भी पद्मशीला की तस्वीर शेयर की। आईपीएस दीपांशु ने अपनी पोस्ट में लिखा, परिस्थितियां आपकी उड़ान नहीं रोक सकती. किस्मत भले आपके माथे पर भारी पत्थर रखे, लेकिन उनसे कामयाबी का पुल कैसे बनाना है ये महाराष्ट्र की पद्मशीला तुरपुड़े से सीखें. पत्थर के सिलबट्टे बेचने वाली पद्मशीला ने मेहनत की ओर एमपीएस में उत्तीर्ण होकर पुलिस उपनिरिक्षक बनीं.
संघर्ष में पति ने पूरा साथ दिया
उन्होंने एक और ट्वीट किया जिसमें लिखा, उनके संघर्षों में पति ने पूरा साथ दिया. शुरुआती दिनों में वह पति के साथ मजदूरी करती थीं. आर्थिक तंगी के चलते पति ने तय किया कि वह पत्नी को आगे बढ़ाएंगे और पढ़ाई पूरी करवाएंगे. सिलबट्टे और फल बेचते पद्मशीला ने स्नातक पूरा किया और एमपीएसी क्लियर कर आज पुलिस उपनिरिक्षक बनीं. आपको बता दे कि इसके बाद महाराष्ट्र टाइम्स की टीम ने पद्मशीला तिरपुडे से बात की. पद्मशीला ने बताया, सिलबट्टे ली हुई महिला मैं नहीं हूं. मेरे अतीत और संघर्षों को गलत तरीके से दिखाया जा रहा है. हां जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है. लव मैरिज की थी. हम नासिक में रह रहे थे.