मुंबई: इंटीरियर डिजायनर को कथित रूप से खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में अरेस्ट हुए रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को रविवार को नवी मुंबई से तलोजा जेल शिफ्ट कर दिया गया है। अर्नब गोस्वामी पर आरोप है कि न्यायिक हिरासत में होने पर भी वह मोबाइल फोन का प्रयोग कर रहे थे। इतना ही नहीं बल्कि वह सोशल मीडिया पर भी ऐक्टिव थे।
बता दें कि अर्नब गोस्वामी को अलीबाग के क्वारंटीन सेंटर में रखा गया था। वहीं तलोबा जेल के एसपी कौस्तुभ कुरलेकर ने बताया कि, ”बैरक में शिफ्ट करने से पहले अर्णब को कुछ दिनों तक जेल के अंदर बनी क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। अर्नब गोस्वामी को दो अन्य आरोपियों फिरोज शेख और नितेश सारदा के साथ 4 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।
अर्नब ने लगाया ये आरोप
आपको बता दें कि, तलोजा जेल ले जाते वक्त अर्नब पुलिस वैन के अंदर से चीखते-चिल्लाते हुए नजर आए। अर्नब का आरोप है कि अलीबाग जेलर ने उनके साथ मार पिटाई की है और उन्हें जबरजस्ती तलोजा जेल भे जा रहा है।वहीं इस पूरे मामले के जांच अधिकारी जमील शेख ने बताया कि गत शुक्रवार को हमें ज्ञात हुआ कि अर्नब सोशल मीडिया पर ऐक्टिव हैं।
चूंकि हम उनका फोन पहले ही सीज कर चुके हैं। जिसके चलते वह किसी और का फोन प्रयोग कर रहे हैं। इसके बाद मैंने अलीबाग जेल सुप्रीटेंडेंट को चिट्ठी लिखकर एक जांच रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा कि किस तरह से अर्नब गोस्वामी को क्वारंटीन सेंटर में मोबाइल फोन मिला। वहीं रिपोर्ट के आधार पर हमने अर्नब को तलोजा जेल शिफ्ट कर दिया।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि, ये पूरा मामला साल 2018 का है, जब इंटीरियर डिजायनर अन्वय नाइक ने तीनों पर पैसे न लौटाने का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी। डिजायनर का आरोप था कि उन्होंने अर्नब के लिए रिपब्लिक टीवी का स्टूडियो बनाया था, इसके बाद अर्नब ने उनके लाखों रुपये वापस नहीं किए। वहीं रिपब्लिक टीवी की तरफ से भु्गतान नहीं होने पर नाइक और बाद में उनकी मां ने कथित रूप से खुदकुशी कर ली थी।
अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी होने के बाद उसी दिन उन्हें अलीबाग मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने पेश किया गया था, जहां से उन्हें 18 नवंबर तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं अर्नब को सबसे पहले अलीबाग पुलिस थाने ले जाया गया, वहां से उन्हें अलीबाग प्राइमेरी स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया। जहां चार दिनों तक रहने के बाद प्रशासन ने उन्हें तलोबा जेल में शिफ्ट करने का फैसला लिया है।
हाईकोर्ट से नहीं मिली बेल
शनिवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अर्नब की जमानत याचिका पर तत्काल फैसला सुनाते हुए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने कहा था कि निचली अदालत में जमानत याचिका लगाने के लिए अर्नब गोस्वामी स्वतंत्र है। वहीं कोर्ट ने निचली अदालत से कहा कि यदि अर्नब याचिका दायर करते हैं, तो उसपर 4 दिनों के अंदर फैसला दे दें।