राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शुक्रवार को झारखंड रांची उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी थी, लेकिन अब उनकी सुनवाई टल गई है. इस मामले की सुनवाई अब अगले महीने 11 दिसंबर को की जाएगी. लालू प्रसाद यादव ने झारखंड के दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत याचिका दाखिल की थी.
बता दें कि, इससे पहले तीन मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है. चौथे मामले में जमानत ना मिल पाने की वजह से वे अभी भी जेल में ही है. इस बार यदि उन्हें जमानत मिल जाती है तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे. लालू प्रसाद यादव पिछले 3 साल से चारा घोटाला के चार मामलों में सजा काट रहे हैं.
लालू प्रसाद यादव के वकील प्रभात कुमार ने बताया है कि, ” जमानत याचिका की सुनवाई अब अगली तारीख 11 दिसंबर को होगी. हमें निचली अदालत से लालू प्रसाद यादव जी के आधी सजा से संबंधित रिकॉर्ड लाने होंगे और आगे की दलील देने से पहले उन्हें सत्यापित करने के निर्देश भी दिए गए हैं”.
तीन मामलों में मिल चुकी है पहले ही जमानत
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव काफी समय से बीमार चल रहे हैं, जिसकी वजह से रांची रिम्स अस्पताल में उनका इलाज भी चल रहा है. चारा घोटाले से जुड़े कई मामलों में आरोपी पाए गए हैं. तीन मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है, अगर इस बार भी उन्हें जमानत मिल जाएगी तो वह आसानी से जेल से बाहर आ जाएंगे. खबरों के मुताबिक , 24 मार्च साल 2018 में लालू प्रसाद यादव को दुमका कोषागार गबन मामले में दोषी पाए जाने के बाद सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी. चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव को सात-सात साल मिलाकर के पूरे 14 साल की सजा सुनाई गई थी.
चारा घोटाला के मामले में लालू प्रसाद यादव पर पूरे पांच मामले है. पांचों मामलों में से 4 मामलों में लालू प्रसाद यादव को सीबीआई कोर्ट की तरफ से सजा सुनाई जा चुकी है. पांचवां मामला दुमका कोषागार से जुड़ा हुआ मिला, जिसको लेकर रांची हाई कोर्ट में सुनवाई होने वाली थी. 4 मामलों में लालू प्रसाद यादव को सजा पहले ही सुनाई जा चुकी थी, जिसमें से 3 मामले में जमानत भी हासिल हुई है.
लालू प्रसाद यादव की याचिका का सीबीआई ने किया विरोध
दुमका कोषागार में अवैध निकासी वाले मामले पर लालू प्रसाद यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन सीबीआई ने इसका कड़ा विरोध किया है. याचिका दायर करते हुए लालू प्रसाद यादव ने लिखा था कि, ” वह कई तरह की बीमारियों से ग्रसित है और दुमका कोषागार में अवैध निकासी मामले में उन को दी गई सजा में हिरासत की अवधि अवधि पहले ही पूरी हो चुकी है , इसलिए अब उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया जाए”.