26/11 हमले में शहीद हुए एनएसजी कमांडो संदीप उन्नीकृष्णन के पासपोर्ट तस्वीर में हंसने की वजह आई सामने

मुंबई हमलों में शहीद हुए एनएसजी कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की 27 नवंबर को पुण्यतिथि थी। इस मौक़े पर उनकी बायोपिक मेजर में लीड रोल निभा रहे एक्टर अदिवी शेष ने शहीद मेजर को श्रद्धांजलि अर्पित की और बताया कि कैसे वो इसका हिस्सा बने। मेजर का निर्देशन शशि किरण टिक्का द्वारा किया जा रहा है।

शहीद को लेकर कही ये बात

26/11 हमले में शहीद हुए एनएसजी कमांडो संदीप उन्नीकृष्णन के पासपोर्ट तस्वीर में हंसने की वजह आई सामने

संदीप उन्नीकृष्णन को लेकर याद करते हुए अदिवी कहते हैं- “मैं केवल यह कह सकता हूं कि उन्होंने मेरे जीवन को पहले क्षण से प्रभावित किया। यह 2008 की बात है, मुझे याद है, जब मैंने उनकी तस्वीर देखी थी, सभी चैनलों पर छायी हुई थी। मुझे नहीं पता था कि मतलब क्या है। मैं सोचता रहा कि यह आदमी कौन है। उनकी आंखों में एक अनोखी दीवानगी थी और होठों पर हल्की सी हंसी। मैं इसे समझ नहीं सका। वे ऐसे दिखते थे, जैसे कि मेरे परिवार के सदस्यों में से एक हों। एक चचेरा भाई, और फिर मुझे पता चला, वह मेजर संदीप उन्नीकृष्णन थे और उन्होंने देश के लिए अपनी जान दे दी।

 

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मैं उनकी आइकॉनिक पासपोर्ट तस्वीर को देखता रह गया।” इस फोटो के पीछे भी एक कहानी है, जिसका खुलासा करते हुए अदिवी ने कहा- “मुझे बाद में उनके माता-पिता से पता चला कि पासपोर्ट तस्वीर लेने के दौरान वो अपनी मुस्कुराहट को रोकने की कोशिश कर रहे थे, मगर कामयाब नहीं हो पा रहे थे। फोटोग्राफर ने उन्हें डांटते हुए कहा कि पासपोर्ट फोटो में हंसना नहीं चाहिए।

10 साल से शहीद की लाइफ पर कर रहे थे रिसर्च

26/11 हमले में शहीद हुए एनएसजी कमांडो संदीप उन्नीकृष्णन के पासपोर्ट तस्वीर में हंसने की वजह आई सामने

अदिवी ने बताया कि कैसे उन्होंने मेजर के माता-पिता की सहमति हासिल करने की जद्दोजहद की। अदिवी ने बताया कि उनके पिता को यक़ीन नहीं हुआ कि कोई पिछले 10 साले से मेजर संदीप की जिंदगी पर शोध कर रहा है और उनके जीवन से प्रेरित एक कहानी बताना चाहता था। उन्हें विश्वास नही हो रहा था कि हैदराबाद का कोई दक्षिण भारतीय लड़का, जो यूएस में पला बढ़ा है, मतलब वहां से आकर कोई फ़िल्म बना सकता है। चूंकि वो मुझ पर विश्वास नहीं करते थे, मेरी टीम और मैं हम सभी अंकल और आंटी से मिलते रहे, मुझे लगता है कि चौथी या पांचवीं बार के बाद, उन्होंने मुझ पर थोड़ा भरोसा करना शुरू कर दिया।

मेरा नाम दिव्यांका शुक्ला है। मैं hindnow वेब साइट पर कंटेट राइटर के पद पर कार्यरत...