कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों प्रदर्शन चल रहा है और उनको लोगों का समर्थन भी मिल रहा है। कई सितारें भी किसानों के सपॉर्ट में खड़े नजर आ रहे हैं। वहीं, कॉमीडियन कपिल शर्मा किसानों का समर्थन करने पर ट्रोल हो गए हैं। इसके बाद कपिल शर्मा ने ट्रोलर को कड़ा जवाब दिया है। दरअसल,उन्होंने हाल ही में किसानों के समर्थन में ट्वीट किया था।
कपिल ने किया ट्वीट
कपिल शर्मा ने रविवार को अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘किसानों के मुद्दे को राजनीतिक रंग ना देते हुए बातचीत से इस मसले का हल निकालना चाहिए।
किसानो के मुद्दे को राजनीतिक रंग ना देते हुए बातचीत से इस मसले का हल निकालना चाहिए।कोई भी मुद्दा इतना बड़ा नहीं होता के बातचीत से उसका हल ना निकले।हम सब देशवासी किसान भाइयों के साथ हैं। यह हमारे अन्नदाता हैं।#farmers
— Kapil Sharma (@KapilSharmaK9) November 29, 2020
कोई भी मुद्दा इतना बड़ा नहीं होता के बातचीत से उसका हल ना निकले। हम सब देशवासी किसान भाइयों के साथ हैं। यह हमारे अन्नदाता हैं।’
यूजर ने किया ट्रोल
भाई साहब मैं तो अपना काम कर ही रहा हूँ, कृपया आप भी करें, देशभक्त लिखने से कोई देशभक्त नहीं हो जाता, काम करें और देश की तरक़्क़ी में योगदान दें 🙏 50 rs का रीचार्ज करवा के फ़ालतू का ज्ञान ना बांटे। धन्यवाद #JaiJawanJaiKissan https://t.co/EIyByD9cHJ
— Kapil Sharma (@KapilSharmaK9) November 29, 2020
कपिल शर्मा के ट्वीट पर एक यूजर ने रिप्लाइ करते हुए लिखा, ‘कॉमेडी कर चुपचाप, राजनीति करने की कोशिश मत कर, ज्यादा किसान हितैसी बनने की कोशिश मत कर, जो काम तेरा है उस पर फोकस रख।’
कपिल शर्मा ने इस पर जवाब देते हुए लिखा, ‘भाई साहब मैं तो अपना काम कर ही रहा हूं, कृपया आप भी करें, देशभक्त लिखने से कोई देशभक्त नहीं हो जाता, काम करें और देश की तरक्की में योगदान दें। 50 रुपये का रीचार्ज करवा के फालतू का ज्ञान ना बांटे। धन्यवाद’
बीते सितंबर कृषि कानून हुआ था लागू
कृषि विधेयक सहित विभिन्न कृषि कानूनों के विरोध के चलते पंजाब-हरियाणा और यूपी के किसानों का आंदोलन उग्र होता जा रहा है। आंदोलन के तीसरे दिन दिल्ली पहुंचे किसानों ने बड़ा ऐलान किया है। किसानों ने कहा कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो वह दिल्ली का मेन हाईवे जाम करके आवाजाही पूरी तरह से बंद कर देंगे।
कृषि कानून, 2020 की बात करें तो ये कृषि से जुड़े तीन विभिन्न बिलों का मेल है जिसे सितंबर, 2020 को संसद में पास किया गया। इसे लेकर उस समय भी भारी बवाल देखने को मिला था और सोशल मीडिया पर भी मोदी सरकार को घेरे में लिया गया था।