दिवंगत संगीतकार वाजिद खान की पत्नी कमालरुख ने हाल ही में एक हैरान कर देने वाला खुलासा किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि, किस तरह से इंटर रिलिजन मैरिज की वजह से उन्हें इस्लाम कुबूल करने के लिए दबाव डाला जा रहा है. उन्होंने बताया कि, वाजिद के देहांत होने के बाद उनके परिवार वाले उन पर जबरदस्ती इस्लाम कुबूल करने का दबाव बना रहे हैं. कमालरुख ने अब एक बार फिर से अपना दर्द बयां किया है.
17 साल में बहुत कुछ सहा
कमालरुख ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि, शादी के 17 साल गुजर जाने के बाद वह अपना 17 साल का दर्द सामने लाना चाहती है. उन्होंने कहा, ” जीवन में मुझे एक ऐसे मोड़ पर पहुंचा दिया है, जहां पर मुझे अपने बच्चों की विरासत के लिए लड़ना पड़ रहा है. क्योंकि उनके परिवार ने वाजिद के देहांत के बाद उनकी सारी संपत्ति भी कब्जे में ले ली है”.
कमालरुख ने बताया कि, ” मैं अपने बच्चों के लिए पिता और मैं दोनों ही हूं. व्यावहारिक मामलों में हमें हमेशा आगे रही हूं. मेरी बेटी 16 साल की है और मेरा बेटा 9 साल का हो गया है. मुझे उनकी पढ़ाई और जीवन यापन के लिए भुगतान करना है. मैं हाइपोथैरेपिस्ट के रूप में कार्य करती हूं. हमारी कमाई का स्रोत है वाजिद का समर्थन कर रहा है”.
मेरे बच्चों का अधिकार छीना जा रहा
आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि , ”मेरे बच्चों का अधिकार छीना जा रहा है. वे लोग मेरे बच्चों का अधिकार छीन रहे हैं जिन्होंने सात-आठ सालों से मेरे या मेरे बच्चों के साथ कोई भी संपर्क नहीं रखा. ऐसे में मुझे हर मोर्चे पर लड़ने की जरूरत है. इन सभी बातों का खुलासा मैंने न्याय की उम्मीद से ही किया है. 17 सालों में जो भी दर्द मैंने झेला है वैसा किसी भी महिला को ना झेलना पड़े”.
वाजिद के परिवार वाले कहते हैं कि, ” हमारे बच्चे नाजायज है, क्योंकि हमारी शादी मुस्लिम कानून के अनुसार हुई ही नहीं है. उनकी मां मेरी उपस्थिति में भी वाजिद को दोबारा शादी करने के लिए ही कहती रहती थी. जिसे वह करने के लिए बिल्कुल भी सहमत नहीं थे. उनके परिवार के व्यवहार हमेशा से ही मेरे लिए बुरा रहा. दूसरों का नजरिया नहीं समझते थे, पति के रुप में मेरी हर तरफ से वह हमेशा खड़े रहे. उन लोगों की एक और डराने वाली रणनीति थी कि मैं अगर धर्म परिवर्तन नहीं करूंगी तो वे मुझे तलाक दे देंगे . फिलहाल हम ने तलाक नहीं लिया क्योंकि उन्हें अपनी गलती का एहसास था “.
कुछ दिन पहले वाजिद खान की पत्नी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. उन्होंने लिखा था कि, ”मेरा नाम कमालरुख खान है. मैं दिवंगत संगीतकार वाजिद खान की पत्नी हूं. शादी करने से पहले मैं उनके साथ 10 साल तक रिश्ते में रही थी. मैं पारसी हूं और वह मुसलमान थे. हमने विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी की थी. इसी कारण धर्मांतरण विरोधी बिल की बहस के बीच यह बहुत दिलचस्प बातें है. मेरी परवरिश ऐसे पारसी परिवार में हुई, जहां सभी लोग पढ़े-लिखे है. यहां आप खुलकर लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात कर सकते हैं. लेकिन शादी के बाद यही स्वतंत्रता शिक्षा और लोकतांत्रिक मूल्य प्रणाली मेरे ससुराल वालों के लिए समस्या बन गई”.
कमालरुख खान ने कहा, ” मेरे ससुराल वालों को एक पढ़ी-लिखी और आजाद महिला बिल्कुल भी स्वीकार नहीं हुई और वह मेरे ऊपर धर्मांतरण का दबाव बनाने लगे. मैं हर धर्म का सम्मान करती हूं लेकिन इस्लाम में परिवर्तित होने के मेरे प्रतिरोध ने हम पति-पत्नी के बीच में दूरियां बढ़ा दी थी धीरे धीरे मेरे और वाजिद के रिश्ते खराब होने लगे थे “.