युवराज सिंह ने 2011 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की जीत में अहम योगदान निभाया था। एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीता था। उस वक्त मैन ऑफ द टूर्नामेंट सिक्सर किंग युवराज सिंह थे। युवी ने पूरे वर्ल्ड कप में गेंद और बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया था। हालांकि भारत के इस जाबांज खिलाड़ी की सफलता के पीछे कई राज छुपे थे। वह उस वर्ल्ड कप में चार बार मैन ऑफ द मैच बने थे। इसी वर्ल्ड कप के बाद युवराज को कैंसर की बीमारी के बारे में पता चला था। उन्हें ‘मीडियास्टिनल सेमिनोमा’ नाम का दुर्लभ कैंसर हुआ था। हालांकि, युवराज सिंह से भी पहले यदि किसी को पता था कि इस ऑलराउंडर को यह खतरनाक बीमारी है तो उस व्यक्ति का नाम है महेंद्र सिंह धोनी।
इंटरव्यू में बताई बात
महेंद्र सिंह धोनी ने यह राज युवराज सिंह की किताब ‘द टेस्ट ऑफ माई लाइफ’ के लांच के मौके पर उजागर किया था। धोनी ने पहली बार बताया था कि उन्होंने युवराज से पहले वह रिपोर्ट पढ़ ली थी, जिसमें उनके कैंसर का पहली बार जिक्र किया गया था। धोनी ने बताया था, ‘मुझे काफी पहले पता चल गया था। मुझे नहीं लगता कि शायद युवी को भी ये पता होगा… लेकिन मेरे लिए यह एक सदमे की तरह था। वह इंसान जिसने मुझे युवराज को कैंसर होने के बारे में बताया तो मैंने उससे पूछा कि क्या यह सच है?’
इस तरह छुपाया दर्द
धोनी ने आगे बताया, ‘उन्होंने कहा कि हां रिपोर्ट में यही लिखा है। यह मेरे लिए एक सदमे की तरह था, लेकिन मुझे पता था कि युवी एक ऐसा इंसान है, जो काफी मजबूत है…।’ धोनी ने बताया था कि वह किसी तरह अपने दर्द को छुपाए हुए थे। यह बात बताते हुए भी धोनी का गला भर आया था। इसी कार्यक्रम में धोनी ने युवी से अपनी दोस्ती की शुरुआत की कहानी भी बताई थी।धोनी ने बताया कि एक बार ये गुस्सा थे। तब मैंने इनसे पूछा था, ‘युवा ये जो आप गुस्सा होते हैं, आप सही में गुस्सा होते हैं क्या… तो इसने बोला- ओए बिहारी, ये तो मैं मजाक करता हूं। इसे गंभीरता से मत लेना… मैंने बोला- आज के बाद अगर तुम सच में भी कभी मुझसे गुस्सा होगे तब भी मैं इसे गंभीरता से नहीं लूंगा।’ धोनी ने यह भी बताया था कि वह पहले युवराज सिंह की बातों से डर जाया करते थे।