वजन नाप कर अपने घर का गुजारा करते है सहारनपुर के ये खुद्दार व्यक्ति

आज हम आपकों एक खुद्दार बुढ़े व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे है, जिनकी ईमानदारी की दात देने से आप अपने आप को रोक नहीं पाएंगे। सहारनपुर में रहने वाले 83 वर्षीय बलदेव राज आहूजा वृद्धावस्था और बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद वह आज भी किसी की मदद लेना पसंद नहीं करते। उम्र के इस पड़ाव में भी बलदेव राज आहूजा रोजी-रोटी कमाने के लिए घर से रोजाना झोला लेकर निकलते हैं। कई बार उन्हें खाली हाथ घर लौटना पड़ता है। इसके बावजूद वह मदद के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाते हैं।

ऐसा है प्रतिदिन का प्रक्रिया

वजन नाप कर अपने घर का गुजारा करते है सहारनपुर के ये खुद्दार व्यक्ति

माइश कैंप स्थित गोपाल नगर में रहने वाले बलदेव राज आहूजा इस उम्र में भी अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए मेहनत मजदूरी करने में शर्म नहीं करते हैं। वह अपने घर से रोजाना एक हाथ में डंडा और दूसरे में वजन तौलने की मशीन लेकर माधव नगर स्थित पंजाब नैशनल बैंक की शाखा के बाहर पहुंचते हैं। बैंक की पार्किंग के पास बैठकर बलदेव आते-जाते राहगीरों को अपना वजन तौलने के लिए आवाज देते हैं। उम्र के इस पड़ाव पर उनकी आवाज धीमी पड़ चुकी है पर वह दिनभर अपने काम में व्‍यस्‍त रहते हैं।

कम कमाई में करते है गुजारा

वजन नाप कर अपने घर का गुजारा करते है सहारनपुर के ये खुद्दार व्यक्ति

बलदेव राज ने वजन तौलने के लिए कोई रकम तय नहीं की है। 5 या 10 रुपये, जो भी उन्‍हें देता है, वह रख लेते हैं। दिनभर में बलदेव राज की 20 से 50 रुपये तक की कमाई हो जाती है। कई बार उन्हें खाली हाथ घर वापस लौटना पड़ता है। बलदेव राज का कहना है कि जब तक उनके शरीर में दम है, वह मेहनत की कमाई से अपना गुजारा करेंगे। बलदेव राज के जवान बेटे की हृदय रोग के कारण मौत हो चुकी है। बेटे की इच्छानुसार मरणोपरांत उसके नेत्र दान कर दिए थे। इसके बदले में आईबैंक वालों ने बलदेव राज की मदद करनी चाही तो उन्होंने आर्थिक मदद नहीं ली। मेहनत मजदूरी कर बलदेव राज अपनी बीमार पत्नी और बेटे के बच्चों का पालन-पोषण कर रहे हैं।

मेरा नाम दिव्यांका शुक्ला है। मैं hindnow वेब साइट पर कंटेट राइटर के पद पर कार्यरत...