अगर मन में कुछ भी करने की चाह है तो कोई ऐसी चीज नहीं है, जो असंभव हो। इसी को सच कर दिखाया चंडीगढ़ स्थित भाई जैताजी फाउंडेशन के स्टूडेंट अमनदीप सिंह ने। अमनदीप को कैलिफोर्निया में पीएचडी के लिए 32 हजार डालर की स्कालरशिप मिली है। आइए जानते हैं अमनदीप के बारें में ….
पिता करते थे दिहाड़ी पर मजदूरी
अमनदीप सिंह, पंजाब के लुधियाना का रहने वाला है। अमनदीप के पिता दिहाड़ी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। पिता का सपना था कि बेटा बेहतर मुकाम पर पहुंचे जिसके लिए अमनदीप को जवाहर नवोदय स्कूल लुधियाना में एडमिशन दिलाया। जहां पर मैथ टीचर ने भाई जैताजी फाउंडेशन कोचिंग सेंटर के लिए तैयार किया और पेपर क्रेक करके कोचिंग के लिए चंडीगढ़ पहुंचा। अमनदीप ने चंडीगढ़ में 12वीं क्लास के साथ भाई जैताजी फाउंडेशन से कोचिंग ली और आइआइटी जेईई मेन्स और एडवांस का टेस्ट क्लीयर किया। बदकिस्मती रही कि
आईआईटी एडवांस में अमनदीप को ऑल इंडिया रैंक बहुत बेहतर नहीं रही, पर उसने हिम्मत नहीं हारी। अमनदीप सिंह ने बताया कि जेईई एडवांस में रैंक कम आने के कारण देश के किसी भी आइआइटी में एडमिशन नहीं मिला, लेकिन आइसर मोहाली में पांच वर्षीय बीएस व एमएस क्लीयर किया। उसी दौरान दिसंबर 2017 में नेट का एग्जाम ऑल इंडिया स्तर पर 77वें रैंक से पास कर लिया। इसके बाद आइसर मोहाली में ही अगस्त 2019 से जुलाई 2020 तक जूनियर रिसर्च फैलो के तौर पर काम किया। उसी के आधार पर अब उसे अमेरिका की कैलिफोर्निया में स्कालरशिप के साथ पीएचडी करने का मौका मिला है।
इस तकनीकि में करना चाहते हैं काम
अमेरिका में पीएचडी करने के बारे में अमनदीप ने कहा कि अभी पीएचडी के लिए ज्यादा ज्ञान नहीं है, लेकिन मैं सोलर सेल पर काम करना चाहता हूं। अमनदीप का कहना है कि वह ऐसी तकनीक बनाना चाहते हैं जिसके उपयोग से कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे की निर्भरता के बिना जीवनयापन कर सके। अमनदीप ने कहा कि अभी वह खुद भी नहीं जानता कि उसका सपना कैसे और कब पूरा होगा, लेकिन दिल में एक उम्मीद जरूर है।
अमेरिका में पीएचडी करने के बारे में अमनदीप ने कहा कि अभी पीएचडी के लिए ज्यादा ज्ञान नहीं है, लेकिन मैं सोलर सेल पर काम करना चाहता हूं। अमनदीप का कहना है कि वह ऐसी तकनीक बनाना चाहते हैं जिसके उपयोग से कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे की निर्भरता के बिना जीवनयापन कर सके। अमनदीप ने कहा कि अभी वह खुद भी नहीं जानता कि उसका सपना कैसे और कब पूरा होगा, लेकिन दिल में एक उम्मीद जरूर है।