कृषि कानूनों पर सरकार और किसानों का विवाद हर दिन बढ़ता जा रहा है। किसान अपनी मांगों को पूरा करने पर अडे हुए हैं। वहीं सरकार की ओर से भी इस मुद्दे को लेकर कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में कइ किसानों कि मौत हो चुकी है और कइ किसानों ने आत्महत्या भी कर ली है। शनिवार को ही एक व्यस्त इंसान की मौत हुई है।इस बूढ़े इंसान ने कहा है कि अगर समस्या का निवारण नहीं होता है तो उनका अंतिम संस्कार यही पर कर दिया जाए।
मौत का जिम्मेदार सरकार
प्रदर्शनकारियों के बीच जिस बुजुर्ग की लाश मिली है उन्हें कश्मीर सिंह लाडी बताया जा रहा है। प्रदर्शन स्थल के शौचालय से इस बुजुर्ग की लाश मीली। पुलिस को लाश के साथ ही एक चिट्ठी भी बरामद हुई जिसमें लिखा था कि,” हम कब तक इस ठंड में बैठे रहेंगे। सरकार हमारी समस्या को सुलझाने के लिए तैयार ही नहीं। अगर, इस समस्या का कोई भी हल न हो तो मेरा अंतिम संस्कार यही कर देना। “उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार सरकार को ठहराया है। पुलिस इस सारे मामले की जांच कर रही है।
पोता करेगा अंतिम संस्कार
कश्मीर सिंह लाडी ने यह भी लिखा है कि उन्का अंतिम संस्कार उनका पोता करेगा। लाडी का बेटा और पोता उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के बिलासपुर के निवासी हैं और वह दोनों भी इस आंदोलन में शामिल हैं।
विरोध पक्षो ने किया टविट
किसान आंदोलन के दौरान किसानों की मौत से दुखी कोंग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा है कि,” किसानों की मौत से हम बेहद ही दुखी हैं। निष्ठुर सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड कर किसान विरोधी कानूनों को रद्द करना चाहिए।
इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने भी पीएम नरेंद्र मोदी को अपने ट्विटर अकाउंट पर टैग करके निशाने पर लिया है, लिखा है,”दामन पे न कोई छींट न खंजर पे कोई दाग, तुम कत्ल करो हो कि करामत करो हो”। साथ ही और भी कई विरोध पक्षों के नेताओं ने इस बात की निंदा करते हुए नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया है।