कैप्टन पिल्लई ने दिखाया मानवता, 6 गोली लगने के बाद भी बचाई दो बच्चे की जान

माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति के अंदर हौसला हो, जज्बा हो, मानवता हो और निडरता हो तो किसी भी चुनौती को मात दे सकते हैं। ऐसा ही बहादुरी भारत के एक सेना ने दिखाई है। देश मे इनका नाम सम्मान और आदर के साथ लिया जा रहा है। और वो जवान कर्नल डीपीके पिल्लई है। इन्होंने अपनी जान के प्रवाह किये बिना पहले मासूम बच्चों का जीवन बचाया फिर अपने बारे में सोचा।

कैप्टन ने खाई 6 गोलियां

कैप्टन ने उग्रवादियों का सामना करते हुए अपने सीने में 6 गोलियां खाई थी और हमले में एक पैर भी उड़ गया था। इतना होने के बाद भी वे हौसले नही खोए और दुश्मनों के सफाए में लगे थे। कैप्टन ने अपनी स्थिति को बिना सोचे पहले दो बच्चे को बचाया,वे बच्चे उग्रवादियों के बीच गोली बारी में फंसे थे। जिसके बाद उन्होंने ये साबित कर दिया कि जब जज्बा और मानवता हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किल को चुनौतियों को हराया जा सकता है।

कैप्टन पिल्लई ने दिखाया मानवता, 6 गोली लगने के बाद भी बचाई दो बच्चे की जान

आतंकियों को अकेले दिया टक्कर

ये बात सन 1994 की है, जब मणिपुर के दुर्गम इलाके में एक गाव लॉंगदाईपबरम में आतंकियों ने हमला बोल दिया। उसी वक़्त कैप्टन पिल्लई ने अपने जज्बे और देश सेवा के सर्वोपरि रखते हुए आतंकियों के मंसूबे पर पानी फेर दिया। उस मौके पर कैप्टन अकेले ही आतंकियों से भिड़ गए।

कैप्टन के स्थिति गंभीर होते हुए भी लड़ते रहे

कैप्टन पिल्लई बुरी तरह से जख्मी हों गए थे उस वक़्त उन्हें 6 गोलियां लगी थी और हमले में उनके एक पैर उड़ गए थे। लेकिन उसके बाद भी वे हिम्मत नहीं हारे और आतंकवादियों से लड़ते रहे और उन्हें भागने पर मजबूर कर दिए। उनकी स्थिति देखते हुए सेना के एक विशेष विमान से ईलाज के लिए भेजा जा रहा था, लेकिन उन्होंने अपने जान के प्रवाह किये बिना वे उस वक़्त गोलीबारी में फंसे दो बच्चे को बचाने का निर्णय लिया।

कैप्टन को गाँव के लोग करते हैं सलाम

कैप्टन के इस साहस को देख लोग उन्हें सलाम करते हैं। कैप्टन का ईलाज काफी समय तक चला । और जब कैप्टन सही हो गए तो गाँव के लोग से मिलने गए। जब गाँव की हालत देखने के बाद उन्होंने कुछ करने का सोचा।

गाँव के लोगों को रोजगार से जोड़े

कैप्टन पिल्लई ने दिखाया मानवता, 6 गोली लगने के बाद भी बचाई दो बच्चे की जान

कैप्टन ने गाँव के लोग की जीवनचर्या देखते हुए एक योजना बनाई, जिससे लोगो की आर्थिक मदद हो जाए। इसके तहत कैप्टन ने गांव में राष्ट्रीय बांस योजना के तहत गांव में ऐसी मशीनें लगवाई, जिससे वहां इसका उत्पादन शुरू किया गया। इसके अलावा संतरा वृक्षारोपण का काम आंरभ करवाया गया।

कारगर साबित हुए योजना

कैप्टन द्वारा गांव में किया गया योजना वह के लोगो के लिए कारगर साबित हुआ। उस योजना से गाव के लोग को काफी लाभ मिला।