बीते दो महीने से ज़्यादा वक़्त से केंद्र सरकार से नाराज़ गांवों के किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं और मौजूदा मोदी सरकार की नीतियों को किसान विरोधी बता रहे हैं। इसी को को देखते हुए वित्त मंत्री ने बजट 2021-22 में किसानोंं लिए कई ऐलान किए हैं।
आज यानी एक फरवरी को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 का आम बजट संसद के पटल पर पेश करते हुए दावा किया कि सरकार किसानों के लिए समर्पित है।
किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर दिया बड़ा बयान
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आय़ दोगुनी करने पर कायम है। कृषि बाजारों को उदार बनाने की ज़रूरत है और सराकर किसानों को भरपूर सर्मथन देने के लिय पूरी कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार, खेती को बढ़ावा देने और किसानों कि आय बढ़ाने के लिए 16 अहम फैसले लिए गए है। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने युपीए सरकार से करीब तीन गुना ज्यादा धन किसानों के खातों में पहुंचाया है और साथ में हर सेक्टर में किसानों को मदद दी गई है। सरकार ने दाल, गेहूँ, धान समेत अन्य फलसों की एमएसपी भी बढ़ाई है।
वित्तमंत्री ने कहा कि कृषि सेक्टर में भारी निवेष की ज़रूरत है और सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 6.11 करोड़ किसानों का बीमा कराया है। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हम करते हैं वो बजट में दिखता है, और कुछ भी सरकार करती है वो देश के लिए होता है। उन्होंने कहा कि गरीब तबके का ध्यान रखा जाएगा।
बजट 2021-22 में और क्या है
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सस्टेनेबल क्रॉपिंग पैटर्न पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारा खास फोकस दलहन पर है। किसानों को पीएम किसान योजना का लाभ मिल रहा है। इसके अलावा, पीएम कुसुम स्कीम के तहत 20 किसानों को सोलर बिजली से चलने वाले पानी के पंप दिए जाएंगे और साथ में 100 सूखाग्रस्त जिलों के विकास के काम पर ध्यान दिया जाएंगा।
-इसके अलावा उन राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा जो केंद्र सरकार के मॉडल लॉ को मानेंगे।
-पानी की कमी की समस्याओ को दूर करने लिए 100 जिलों में बड़े पैमाने पर काम किया जाएगा।
-15 लाख किसानों को ग्रिड कनेक्टेड पंपसेट से जोड़ा जाएगा। और 20 लाख किसाननों को सोलर पंप देंगे।
-किसी किसान के पास अगर बंजर ज़मीन है तो वो सोलर पावर जेनरेशन यूनिट लगा सकते है, और उसे ग्रिड को बेच भी सकते हैं।
धान और गेहूं की खरीद को लेकर किया ऐलान
धान की खरीद को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि साल 2013-14 में 63 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए थे जिसे बढ़ाकर 1 लाख 45 हज़ार करोड़ किया जा चुका है। और इस वर्ष ये आंकड़ा 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कुल 1.2 करोड़ किसानों को इसका लाभ मिला था, और इस वर्ष इससे 1.5 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं।
वहीं गेहू की खरीद को वित्त मंत्री ने कहा कि, सरकार ने 33 हजार करोड़ रुपय गेहूं की खरीद पर जहां 2013-14 में खर्च किए थे। वही साल 2019 में 63 हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए तो वही यह रकम बढ़कर अब 75 हजार करोड़ रुपये कर दी गई है। और साल 2020-21 में 43 लाख किसानों को इसका लाभा मिला है।
किसानों के लिए और किया ऐलान
वित्त मंत्री ने बताया कि किसनों के लिए साल 2021-22 मिं ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 16.5 करोड़ रुपय तक किया जा रहा है। इसके अलावा स्वामित्व योजना को देशभर में लागू किया जाएगा। इसके साथ ही ऑपरेशन ग्रीन स्कीम का ऐलान किया गया है, जिसमें कई फसलों शामिल किया जाएगा।
इसके अलावा उन्होंने पांच फिशिंग हार्बर को आर्थिक गतिविधि के हब के रूप में तैयार किया जाएगा, और सात ही तमिलनाडु में फिश लैंडिंग सेंटर का विकास किया जाएगा।