उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुये घटना को लेकर एक अहम सूचना मिली जिसमे पता चला कि विकास दुबे को पुलिस की दाबिश के बारे में पहले से पता था। वहीं डीजीपी ने कहा कि गाँव में पुलिस को रोकने के लिए रास्ते मे जेसीबी लगा दी गयी थी।
डीजीपी ने आगे कहा कि हिस्ट्रीशीटर विकास के खिलाफ एक हत्या का मामला दर्ज किया गया था, जिसमे उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस एक टीम लेकर उसके घर पहुंची, लेकिन रास्ते में जेसीबी मशीन खड़ी थी, जिसे हटाने के लिए जीप को रोकनी पड़ी। जैसे ही पुलिस की टीम जीप से नीचे उतरी तो अपराधी ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी।
पुलिस की ओर से भी जवाबी हमला में फायरिंग की गई लेकिन अपराधी के ऊँचाईयों से फायरिंग में पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए और 7 जवान घायल हो गए।
वहीं अपराधी ने इस अंजाम को देते हुई अंधेरे का मौका देखकर फरार हो गए। ऑपरेटर को संभालने के लिये आईजी, एडीजी, एडीजी ला एंड ऑर्डर को जिम्मेदारी संभालने के लिये भेजा गया।
फोरेंसिक टीम भी पहुंची—
घटना स्थल पर फोरेंसिक टीम भी पहुंची , और जांच में लगी हुई है। वहीं लखनऊ से एक स्पेशल टीम को भी भेजी गई है, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी इस मामले को काफी गंभीर हैं और उन्होंने इसकी जांच के आदेश दिया है।