कोरोना की दूसरी लहर में मौतों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. जिसकी वजह से श्मशान घाट पर मुखाग्नि और कब्रिस्तान पर मिट्टी देने के लिए लंबी-लंबी कतारे लग रही हैं. वहीं बिहार के बक्सर जिले चौसा श्मशान घाट पर गंगा में कम से कम 40 लाशे तैरती हुई दिखी. जिसे देख लोग हक्का बक्का रह गए. स्थानीय स्तर पर ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें लाशो को जानवर नोचते नजर आ रहे हैं, यह देख इंसानियत भी शरमा जाये.
मामला गरम होने पर अधिकारियों ने इससे पल्ला झाड़ लिया. बक्सर के जिलाधिकारी ने प्रेस कांफ्रेस में बताया,
‘हम लोग ज़िलाधिकारी गाजीपुर और बलिया के साथ समन्वय स्थापित कर रहे हैं, ताकि उनके इलाक़े की लाशों का दाह संस्कार वहीं कर दिया जाए. लेकिन फिर भी कोई लाश बक्सर के इलाक़े में आ जाती है, तो उसका पूरे सम्मान के साथ संस्कार किया जाएगा.’
स्थानीय लोगों का क्या है कहना
स्थानीय लोगो का मानना है कि नदी में इतना कम पानी है और हवा का रुख भी दूसरी दिशा में है ऐसे में लाशे बहकर यहाँ नहीं आ सकती हैं.
लाशों के साथ क्या कर रहा है प्रशासन
बक्सर प्रशासन नदी के पास घाट पर ही जेसीबी मशीन से गड्ढा खोद कर लाशों को दफनाने का काम कर रही है. लोग ये भी कह रहे हैं प्राइवेट अस्पतालों से इलाज करने के बाद लोगो के पास इतना पैसा नहीं बचता की दाह संस्कार कराये ऐसे में गंगा मईया ही सहारा हैं, लोग गंगा मईया में ही लाशो को विसर्जित कर देते हैं.
वहीं बिहार की बात करें तो यहाँ 1 लाख 10 हजार 804 एक्टिव केस हैं. जिसमे सबसे ज्यादा एक्टिव केस राजधानी पटना में हैं. बिहार में लगभग दस हजार केस रोजाना आ रहे हैं 60 से अधिक मौतें भी रोजाना हो रही है.
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में भी लाशे तैरते हुई मिली है, जिसे प्रशासन में हडकंप मचा हुआ है तथा लोगो में दहशत का माहौल है.