सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद फेमस हुए बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद का नया रेस्टोरेंट भारी नुकसान के बाद बंद हो गया है. इसके बाद एक बार फिर वो अपनी पुरानी जगह लौट आए हैं यानी अपने पुराने ढाबे पर अब बाबा फिर से खाना बेचने लगे हैं. पिछले साल वायरल हुई ये वीडियो करीब एक हफ्ते तक इंटरनेट पर ट्रेंडिंग में चली थी.
इसी के चलते बाबा को एक अलग पहचान मिली और उन्होनें एक ढाबे से उठ कर नया रेस्टोरेंट खोला, लेकिन कांता प्रसाद को इस बात का अंदाजा भी नहीं होगा कि वो कुछ समय बाद फिर से अपने ढाबे पर खाना बेचेंग..
रातों-रात चर्चा में आए थे कांता प्रसाद
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, पिछले साल यूट्यूबर गौरव वासन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद और उनकी पत्नी बादामी देवी का ये वीडियो था जो कि इंटरनेट पर कुछ ही घंटों में काफी वायरल हो गया था. सच कहें तो उस दिन इंटरनेट की पावर का असली अहसास हुआ था. जिस तरह से रातों-रात में एक वीडियो ने इन दोनों बुजुर्गों की किस्मत ही बदल दी थी.
दरअसल, जहां एक वक्त कोई खाना खाने नहीं आता था वहां अगली सुबह लोगों की लंबी-लंबी कतारे लगनी शुरू हो गईं थी. इतना ही नहीं कुछ लोगों ने तो इन दोनों की पैसों के तौर पर मदद भी की थी. जिसके बाद देखते ही देखते बाबा का ढाबा को एक अलग ही पहचान मिल चुकी थी
बाबा का ढाबा की जगह खोला था नया रेस्टोरेंट
बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद को आर्थिक तौर पर कितनी मदद मिली होगी ये अंदाजा आप इसे पढ़ कर खूद लगा लेंगे, जहां एक वक्त इन दोनों पति-पत्नी का पेट पालना मुश्किल था उन्होनें आचानक से नया रेस्टोरेंट भी खोल लिया था. खबरों की माने तो कांता प्रसाद का ये रेस्टोरेंट दिल्ली के मालवीय नगर में ही खोला था. जहां बाबा ने एक कुक और एक वेटर भी रखा और तो और सुरक्षा के लिहाज से रेस्टोरेंट में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे.
मगर वो कहते हैं इंसान को उतने ही पैर फैलाने चाहिए जितनी चादर हो ठीक ऐसा ही कुछ बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद के साथ हुआ जब उन्हें धीर-धीरे इस रेस्टोरेंट में मुनाफे की बजाय नुकसान होने लगा और एक वक्त ऐसा आया कि उन्हें अपने नए रेस्टोरेंट को बंद करना पड़ा और फिर उसी जगह लौटना पड़ा जहां से उनको और उनके खाने को असली पहचान हासिल हुई थी.
अब परिवार का खर्च चलाना भी मुश्किल
कांता प्रसाद से हाल ही में हुई बातचीत के दौरन उन्होनें कहा कि “दिल्ली में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से 17 दिनों के लिए पुराने ढाबे को बंद करने पड़ा था. इस वजह से बिक्री प्रभावित हुई और लॉकडाउन से पहले जहां रोजाना की बिक्री 3500 रुपये होती थी, वो अब घटकर 1000 रुपये हो गई है. ये हमारे परिवार के गुजारे के लिए पर्याप्त नहीं है और इस वजह से दिक्कते बड़ती जा रही हैं.