Mustard Oil: सरकार ने 10 फीसदी कम की सरसों तेल पर आयात शुल्क, अब इतने में मिलेगा 1 लीटर तेल

सरसों और रिफाइंड ऑयल (Refined oil) ही नहीं पेट्रोल (Petrol) और डीजल ने भी आम आदमी के बजट को बिगाड़ा हुआ है. वैसे तो पिछले एक साल से सरसों और रिफाइंड तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन बीते 6 महीने से तो जैसे इनमें आग लग गई है. अच्छे ब्रांड के सरसों (Mustard) और रिफाइंड तेल के दाम 200 रुपये प्र‍ति लीटर के आंकड़े को छू चुके हैं.

Mustard Oil: सरकार ने 10 फीसदी कम की सरसों तेल पर आयात शुल्क, अब इतने में मिलेगा 1 लीटर तेल

सामान्य ब्रांड भी 170 और 180 रुपये से कम नहीं हैं. राहत की बात है कि आज केंद्र सरकार (Central Government) ने तेल सस्ते करने को लेकर हरी झंडी दे दी है. आज सरकार ने कच्चे पामोलिन तेल के आयात शुल्क (Import Duty) में 10 फीसदी कटौती का ऐलान किया है.

एक साल में सरसों तेल से लेकर दाल का भाव भी खूब चढ़ा है. हालांकि अभी इसके भाव कुछ गिरे हैं, फिर भी 100 से 120 रुपये तक अरहर या राहर की दाल बिक रही है. रिफाइंड तेल के दाम भी अब जाकर गिरे हैं, फिर भी 160 से 200 रुपये लीटर तक है. व्यापारियों का कहना है कि 150 रुपये लीटर से कम सरसाें व रिफाइंड तेल का दाम नहीं गिरेगा, क्योंकि सरसों का समर्थन मूल्य ही 70 रुपये हो गया है, जबकि रिफाइंड ऑयल में मिलाने वाला पामोलिन पूरी तरह आयात पर निर्भर हो गया है.

आयात शुल्क कम होने से 3 महीने कम रहेगी कीमत

Mustard Oil: सरकार ने 10 फीसदी कम की सरसों तेल पर आयात शुल्क, अब इतने में मिलेगा 1 लीटर तेल

अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर का कहना है कि केंद्र सरकार ने कच्चे पामोलिन पर आयात शुल्क में 10 फीसदी की कटौती की है. इसका हम स्वागत करते हैं, लेकिन कटौती की समयसीमा तय करना जनता के हित में सही नहीं है. इस बार सरकार की ओर से पहली बार आयात शुल्क कम किए जाने की अवधि 30 सितंबर तक तय की गई है. सरकार के इस नियम का फायदा आयात करने वाले उठा सकते हैं. इसलिए जनता के हित का ख्याल रखते हुए सरकार को आयात शुल्क में छूट दिए जाने का कोई वक्त तय नहीं करना चाहिए