माँ के बिना एक पल भी नहीं रह पाते थे सिद्धार्थ शुक्ला, संघर्ष में जिंदगी बिताने वाली माँ

सिद्धार्थ शुक्ला (Sidharth Shukla) की मौत की खबर ने पूरी फिल्म और टीवी इंडस्ट्री को झकझोर कर रख दिया है। किसी को भी इस पर यकीन नहीं हो रहा है। सिद्धार्थ शुक्ला की गुरुवार को हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। सिद्धार्थ शुक्ला अपनी मां के बहुत करीब थे। कुछ साल पहले पिता की मौत हो जाने के बाद मां रीता शुक्ला ने अकेले ही पाला था। लेकिन मां को क्या पता था कि जिस लाडले में वह अपने बुढ़ापे का सहारा देख रही थीं, वह उन्हें यूं अकेला छोड़ जाएगा।

पिता की मौत के बाद माँ का संघर्ष देख चुके थे सिद्धार्थ

माँ के बिना एक पल भी नहीं रह पाते थे सिद्धार्थ शुक्ला, संघर्ष में जिंदगी बिताने वाली माँ

सिद्धार्थ शुक्ला ने देखा था कि पिता के जाने के बाद कैसे मां ने उन्हें और पूरे परिवार को पाला था और किन-किन मुश्किलों का सामना किया था। ‘

ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे’ को दिए इंटरव्यू में सिद्धार्थ शुक्ला ने मां के स्ट्रगल के बारे में बताते हुए कहा था,

“जब 15-16 साल पहले पापा का निधन हुआ तो ऐसा लगा जैसे हमारे सिर से छत छिन गई है। लेकिन मेरी मां एक पहाड़ की तरह मजबूत बनी रही।”

खुद सिद्धार्थ ने गिनाई थी माँ की कुर्बानी

माँ के बिना एक पल भी नहीं रह पाते थे सिद्धार्थ शुक्ला, संघर्ष में जिंदगी बिताने वाली माँ

सिद्धार्थ ने आगे कहा था कि

 “उन्होंने खुद को कभी टूटने नहीं दिया। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक बावजूद उसके मां ने तीनों बच्चों को ढंग से पाला और हमारी सारी डिमांड पूरी कीं। मैं जानता हूं कि उन्हें हमारी डिमांड पूरी करने के लिए अपनी कई इच्छाओं की कुर्बानी देनी पड़ी होगी।”

सिद्धार्थ शुक्ला भले ही बाहरी दुनिया के लिए एकदम टफ रहे हों, लेकिन जब भी मां की बात आती थी तो वह मोम की तरह पिघल जाते थे। सिद्धार्थ तीनों भाई-बहनों में सबसे छोटे थे और इसलिए मां के लाडले थे। छोटे थे तो इसलिए बहनों के साथ खेल भी नहीं पाते थे। तब मां उन्हें अपने पास रखतीं और ढेर सारा वक्त साथ में बितातीं। सिद्धार्थ ने बताया था कि वह मां से एक सेकंड के लिए भी दूर नहीं रह पाते थे। इसीलिए मां जब रोटी भी बनाती तो एक हाथ में बेलन रहता और एक तरफ गोद में सिद्धार्थ।